The Stomach (human anatomy)
आहारनाल का ग्रासनली से आगे का भाग आमाशय है। यह एक पेशी J आकर की संरचना है जो ग्रासनली व ग्रहणी (Duodenum) के मध्य तथा उदरगुहा (Abdominal Cavity ) के बांए हिस्से तथा मध्यपट के पीछे स्थित होता हैं। जो लचीला अंग है इसमें 1-3 लीटर तक आहार धारित कर सकता हैं।दो प्रकार के एंजाइम पाए जाते हैं
- पेप्सिन (Pepsin )
- रेनिन (Renin)
पेप्सिन (PepsinPepsin) का कार्य प्रोटीन की जटिल क्ष्रंखलाओं को सरलीकृत कर पेप्टाइड में परिवर्तन कर देते हैं।
रेनिन (Renin) का कार्य केसीन की जटिल क्ष्रंखलाओं को सरलीकृत कर पैराकेसीन में परिवर्तन कर देते हैं।
आमाशय (Stomach) को तीन भागों में बाँटा जा सकता हैं।
कार्डियक या जठरगम भाग
- यह आमाशय का बांया बड़ा भाग है
- जो ग्रसिका आमाशय में प्रविष्ठ होती हैं।
जठर निर्गमी भाग
- यह आमाशय का दाहिना छोटा भाग हैं
- जो आमाशय छोटी आँत से जुडता हैं।
- यह कार्डियक तथा जठर निर्गमी भाग
- दोनों भागों के मध्य की संरचना हैं।
आमाशय नलिका अवरोधिनी या संकोचक पेशियाँ (Sphincters) पाई जाती हैं।
ये दोनों पेशियाँ आमाशय की सामग्री को अंतर्विष्ट (Inclusive)करती हैं।
- ग्रास नलिका अवरोधनी (Cardiac or lower esophageal sphincter) :- यह ग्रसिका व आमाशय को विभाजित करती है तथा आमाशय से अम्लीय भोजन को ग्रसनी में जाने से रोकती हैं।
- जठरनिर्गमीय अवरोधिनी (Pyloric sphincter) :- आमाशय व छोटी आँत को विभाजित करती हैं तथा आमाशय से छोटी आंत्र में भोजन निकास को नियंत्रित करती हैं।
आमाशय रस (Gastric juice )
आमाशय के अस्तर से स्त्रावित खट्टा द्रव्य, रंगहीन होता है। जिसमें 90% जल, 0.5% हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(HCL) तथा रेनिन, लाइपेज एवं पेप्सीन एन्जाइम होते हैं। इसके
इसका PH मान 1.5 होता है।
आमाशय का कार्य
- भोजन को संग्रह करता है।
- प्रोटीन का पाचन सर्वप्रथम यहां प्रारंभ होता है।
- आमाशय के हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ( HCL) भोजन को अम्लीय बनाने के साथ भोजन के साथ आते जीवाणुओं को मार डालता है
- पेप्सीन HCL के साथ मिलकर प्रोटीन अणुओं को पेप्टोन एवं प्रोटीओजेज में बदल देता है
- रेनिन (Renin) दूध में पाये जाने वाले प्रोटीन कैसीनोजन को कैसीन में बदल देता है। जिसका पाचन पेप्सीन द्वारा होता है।
- आमाशय (Stomach) पानी, एल्कोहल, ग्लुकोज एवं कई प्रकार की दवाइयों को अवशोषित भी करता है।
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