जहरीला पदार्थ Toxic Substances

Toxic Substances

जीवो के ऊपर रसायनों के प्रतिकूल प्रभावों के अध्ययन करने वाली शाखा को विषविज्ञान (Toxicology) कहते हैं।

सामान्यतः चार प्रकार से विभाजित किया जाता हैं।
(toc) (Table of Content)
रासायनिक (Chemical)
 जैविक (biological)
भौतिक (physical)
विकिरण (radiation)

RM Yassine स्केल मुख्य पैमाने पर विषाक्ता को मापा जाता हैं।
आनंद का भ्रम उत्पन्न करने की दृष्टि से कई लोग विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थ (Intoxicant) का उपयोग करते है धीरे धीरे उन्हें इन पदार्थों की आदत पड़ जाती है और वे अधिक नशीले पदार्थों का उपयोग करने लगते हैं। प्रत्येक नशीला पदार्थ मानव शरीर पर कुप्रभाव डालता है तथा उसे स्थाई रूप से Patient बन जाता हैं। समाज में प्रचलित कुछ नशीले पदार्थ व उनके दुष्प्रदु डालते हैं जो निम्नलिखित है-

तम्बाकू (Tobacco)

तम्बाकू पादप निकोटिएना टोबेक्कम, कूल सोलेनेसी (Nicotiana Tobankoq, Cool Solenaceae) की पत्तियों से प्राप्त किया जाता है
पत्तियों में 1-8 प्रतिशत तक निकोटिन नामक एल्केलॉयड (Elcaloid) पाया जाता है, तम्बाकू का प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है अधिकांश लोग पान, गुटके या चूने के साथ इसे चबाते है, कुछ लोग इसके पाउडर को सूँघने या मंजन की तरह दाँतों व मसूड़ों पर मलने में करते हैं। तम्बाकू को बीड़ी, सिगरेट, चिलम , सिगार, हुक्का (Beedi, cigarette, chilam, cigar, hookah) या  अन्य रूप से उपयोग किया जाता हैं।

तम्बाकू के उपयोग से होने वाली हानियाँ निम्न प्रकार (The harm caused by the use of tobacco is as follows)


  1. तम्बाकू (tobacco) के निरंतर संपर्क में आने से मुँह, जीभ, गले व फेफड़ों आदि का Cancer होने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. तम्बाकू में उपस्थित निकोटिन धमनियों की दीवारों को मोटा कर देती है जिससे रक्त व ह्रदय स्पदंन की दर बढ़ जाती हैं।
  3. गर्भवती महिलाओं द्वारा tobacco का use करने पर भ्रूण विकास की गति मंद पड़ जाती हैं।
  4. सिगरेट के धुएँ में उपस्थित कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO2) लाल रूधिर कणिकाओं को नष्ट कर रूधिर की ऑक्सीजन परिवहन की क्षमता कम कर देती है 
सिगरेट, बीड़ी आदि के effect उसका सेवन करने वाले के साथ पास में बैठने वाले पर भी पड़ते है क्योंकि वातावरण में फैला निकोटिन युक्त धुआँ हवा के साथ उनके फेफड़ों में भी पहुँचता हैं।
यही कारण है कि कानून बनाकर  Public स्थानों पर धूम्रपान पर रोक लगा दी गई।

मदिरा (Alcohol)

मदिरा कई प्रकार से बनायी जाती है मगर सभी नशे का कारण एक ही पदार्थ ऐथिल एल्कोहॉल (CH2COOH) होता है। विभिन्न प्रकार की मदिराओं में इसका प्रतिशत भिन्न होता है Alcohol सेवन की प्रवृत्ति निरंतर बढ़ रही है और इसके दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं

 मदिरा सेवन से मानव स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव निम्न हैं (The following are the effects of alcohol consumption on human health)


  1. मदिरा पान से एल्कोहॉल रक्त प्रवाह द्वारा यकृत में पहुँचता है अधिक मात्रा मे उपस्थित एल्कोहॉल को यकृत, एसीटल्डिहाइड में बदल देता हैं जो Toxicity पदार्थ है 
  2. Alcohol से स्मरण क्षमता में कमी आती हैं तथा तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता हैं।
  3. इसके प्रभाव से वसीय यकृत (Hepatic) रोग हो जाता है, जिससे प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट संश्लेषण पर प्रभाव पड़ता है 
  4. Alcohol से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कमजोर होती हैं, तथा सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती हैं।

अफीम (Opium) 

अफीम पादप, पैपेवर सोमनिफेरम (Papeweer Somniferum) के कच्चे फल से प्राप्त दूध के सुखाने से बनता हैं। दूध में लगभग 30 प्रकार के एल्केलॉयड पाए जाते है, इनमें से मार्फीन , कोडिन, निकोटिन, सोमनिफेरम, पैपेवरिन (Morphine, codin, nicotine, somniferum, papevirin) प्रमुख हैं 
Marfin व Codin का प्रयोग दर्द निवारक दवा बनाने हेतु किया जाता हैं इस कारण इसकी खेती की जाती है शांति व आनंद की अनुभूति प्राप्त करने के लिए अफीम या उससे बने नशीले पदार्थ Heroine का उपयोग कई लोगों द्वारा किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में गम या खुशी के अवसरों पर अफीम की मनुहार करने की प्रथा आज भी हैं।

गुटखा (Burnham)

सुपारी के टुकड़ों, कत्था, चूना, संश्लेषित खुशबू, धातुओं के वर्क आदि प्रदार्थो के मिक्ष्रण तैयार किया जाता है कुछ में तम्बाकू (tobacco) भी डाला जाता हैं पाउच संस्कृति के प्रसार के कारण गुटका हर गाँव गली तक उपलब्ध हैं जबड़े की मांसपेशियाँ कठोर हो जाने से जबड़ा ठीक से खुलता नहीं है, ऐसा सबम्युकस फाईब्रोसिस रोग के कारण होता है, संश्लेषित पदार्थों में से Cancer होने की संभावना बनी होती हैं।

अन्य नशीले पदार्थ 

कोकीन , भाँग, चरस , गांजा, हशीश, LSD (लायसर्जिक एसिड डाई इथाइल एमाइड) आदि अन्य पदार्थ भी मादक पदार्थों के रूप में प्रचलन में हैं।

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