इंदिरा रसोई का नाम बदलकर अन्नपूर्णा योजना होगा

इंदिरा रसोई योजना Indira rasoi yojna (अन्नपूर्णा योजना)

8 जनवरी 2024 से इन्दिरा रसोई योजना को अन्नपूर्णा योजना के नाम से जाना जाएगा जो भी राज्य सरकार द्वारा योजना में बदलाव किया गया है वे सब बदलाव भी इस पोस्ट में कर दिया गया।

इंदिरा रसोई योजना – मुख्यमंत्री के “कोई भी भूखा नहीं सोए” के संकल्प के साथ 20 अगस्त, 2020 से प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों के माध्यम से इन्दिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया गया है।

Indira rasoi yojna


  • इंदिरा रसोई योजना का नाम देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी के नाम पर रखा गया है।
  • लाभार्थी को 8 रूपये में सम्मानपूर्वक बैठाकर शुद्ध, ताजा एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके लिये राज्य सरकार द्वारा 12 रूपये प्रति थाली अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिये 100 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष प्रावधान किया गया है। 
  • Indira rasoi yojna के अंतर्गत सितंबर 2021 तक 4 करोड़ 3 लाख व्यक्तियों को भोजन उपलब्ध कराया गया।

इंदिरा रसोई योजना Indira rasoi yojna (अन्नपूर्णा योजना)

  • योजना का परिचय श्री अशोक गहलोत, माननीय मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार द्वारा "कोई भी भूखा नहीं सोएं" के संकल्प के साथ 20 अगस्त 2020 से प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोईयों के माध्यम से इन्दिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया गया।
  • बजट घोषणा वर्ष 2022-2023 में रसोईयों की संख्या 358 से बढ़ाकर 1000 की गई, जिन पर 250 करोड़ रुपये खर्च कर प्रतिवर्ष 9.25 करोड़ भोजन थाली परोसी जाकर जरुरतमन्दों को लाभान्वित किया जा सकेगा।

इंदिरा रसोई योजना ( अन्मनपूर्णा योजना) महत्वपूर्ण तथ्य

योजना का नाम इंदिरा रसोई योजना
प्रशासनिक व्यवस्था राज्य/जिला स्तरीय प्रबन्धन व मोनेटरिंग समिति का गठन
योजना प्रारंभ 20 अगस्त 2020
उद्देश्य "कोई भी भूखा न सोए" तथा सभी को शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन
आरंभ की गई राजस्थान सरकार द्वारा
भोजन की प्रथम थाली केवल ₹8 में
लाभार्थी राज्य के गरीब जरूरतमंद लोगों
उद्देश्य शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना
विभाग स्वायत्त शासन विभाग
अधिकारिक -

इंदिरा रसोई योजना ( अन्कीनपूर्णा योजना ) की विशेषताएं Indira rasoi yojna 

  1. इंदिरा रसोई योजना के लाभार्थी को 8 रूपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जाए।
  2. राज्य सरकार द्वारा 17 रूपये प्रति थाली अनुदान दिया जाए। राज्य सरकार 8 जनवरी 2024 से 22 रूपए प्रति थाली अनुदान कर दिया है 
  3. योजना हेतु प्रतिवर्ष 250 करोड रूपये का प्रावधान
  4. प्रतिदिन 2.30 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 9.25 करोड़ लोगां को लाभान्वित करने का लक्ष्य। आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है।
  5. भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 8 जनवरी 2024 से 250 ग्राम चपाती की जगह 300 ग्राम वहीं 100 ग्राम चावल थाली में अलग से मिलेंगे एवं आचार सम्मिलित है।
  6. विकेन्द्रित स्वरूप - जिला स्तरीय समिति को आवश्यकतानुरूप स्थान, मैन्यू व भोजन समय के चयन की स्वतंत्रता
  7. रियल-टाइम ऑनलाइन मोनेटरिंग एस.एम.एस गेटवे से लाभार्थी को सूचना एवं फिडबैक सुविधा
  8. राज्य/जिला स्तरीय समिति द्वारा निरीक्षण व गुणवत्ता जाँच
  9. सामान्यतः दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 बजे से मध्यान्ह 3:00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सांयकाल 5:00 बजे से 9:00 बजे तक उपलब्ध कराया जायेगा।


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