Primary Cell (प्राथमिक सेल)
प्राथमिक सेल (primary cell) एक प्रकार के विद्युत रसायनिक सेल है जो कम बिजली से चल सकने वाले विद्युत युक्तियों है जिसमें ( टार्च, कैलकुलेटर, रेडियो आदि) में प्रयुक्त होते है।
इनके अन्दर जो विद्युत अपघट्य (electrolyte) उपयोग में लाया जाता हैं इसमें किसी द्रव का प्रयोग नहीं किया जाता है बल्कि लई जैसा कम नमी वाला होता हैं।जिसके कारण इसे "शुष्क सेल" भी कहा जाता हैं।
इन सेलों से रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित की जा सकती हैं। परंतु विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में नहीं बदला जा सकता हैं।
अर्थात् इन सेलों को पुनः आवेशित (चार्ज) नहीं कर सकते हैं।
इन सेलों के रासायनिक प्रदार्थो में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ अनुत्क्रमणीय (Ineligible) होती हैं।
प्राथमिक सेल के उदाहरण —
शुष्क सेल (Dry cell)
वोल्टीय सेल (Voltaic cell)
लेक्लांशी सेल (leclanic cell)
डेनियल सेल (Daniel cell)
प्राथमिक सेल (primary cell) एक प्रकार के विद्युत रसायनिक सेल है जो कम बिजली से चल सकने वाले विद्युत युक्तियों है जिसमें ( टार्च, कैलकुलेटर, रेडियो आदि) में प्रयुक्त होते है।
इनके अन्दर जो विद्युत अपघट्य (electrolyte) उपयोग में लाया जाता हैं इसमें किसी द्रव का प्रयोग नहीं किया जाता है बल्कि लई जैसा कम नमी वाला होता हैं।जिसके कारण इसे "शुष्क सेल" भी कहा जाता हैं।
इन सेलों से रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित की जा सकती हैं। परंतु विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में नहीं बदला जा सकता हैं।
अर्थात् इन सेलों को पुनः आवेशित (चार्ज) नहीं कर सकते हैं।
इन सेलों के रासायनिक प्रदार्थो में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ अनुत्क्रमणीय (Ineligible) होती हैं।
प्राथमिक सेल के उदाहरण —
शुष्क सेल (Dry cell)
वोल्टीय सेल (Voltaic cell)
लेक्लांशी सेल (leclanic cell)
डेनियल सेल (Daniel cell)
शुष्क सेल (dry cell)—
प्राथमिक सेल की बनावट (construction)-
प्राथमिक सेल की बनावट निम्नलिखित प्रकार की होती हैं।
इसमें एक जस्ते का बेलनाकार पात्र होता है। जो ऋण ध्रुव (-) की तरह कार्य करता हैं।
इस पात्र में अन्दर की दीवारों पर अमोनिया क्लोराइड (NH4Cl) , जिंक (zn) क्लोराइड एवं गोंद का पेस्ट का गाढ़ा लेपन होता हैं।
बेलनाकार पात्र के मध्य में एक कार्बन (C) और डाइ ऑक्साइड चूर्ण के मिश्रण से भरी एक मखमल की थैली होती हैं।
बेलनाकार पात्र के बीचों बीच कार्बन की छड़ रखी होती हैं। जिसका ऊपरी सिरा बाहर निकला होता हैं। जो कार्बन (C) की छड़ के ऊपरी सिरे पर पीतल की एक टोपी लगी होती हैं।
कार्बन की छड़ धन ध्रुव (+) की तरह व्यवहार करती हैं।
बेलनाकार पात्र के मुख को चिपड़ी या गोंद आदि से बंद कर देते हैं।
इस बेलनाकार पात्र पर बारिक छिद्र रखा जाता है ताकि अमोनिया (Nh3) गैस बाहर निकल सके।
प्राथमिक सेल क्रिया विधि (Primary cell working)—इस सेल में जस्ता,अमोनिया क्लोराइड (Cl) से रासायनिक क्रिया कर अमोनिया और हाइड्रोज आयन प्रदान करती है।
इसमें से अमोनिया वायुमण्डल में चली जाती है और हाइड्रोज (H) आयन कार्बन (C) को आवेश प्रदान कर ऑकसीकृत होकर जल में परिवर्तित हो जाता हैं।
प्राथमिक सेल की बनावट निम्नलिखित प्रकार की होती हैं।
इसमें एक जस्ते का बेलनाकार पात्र होता है। जो ऋण ध्रुव (-) की तरह कार्य करता हैं।
इस पात्र में अन्दर की दीवारों पर अमोनिया क्लोराइड (NH4Cl) , जिंक (zn) क्लोराइड एवं गोंद का पेस्ट का गाढ़ा लेपन होता हैं।
बेलनाकार पात्र के मध्य में एक कार्बन (C) और डाइ ऑक्साइड चूर्ण के मिश्रण से भरी एक मखमल की थैली होती हैं।
बेलनाकार पात्र के बीचों बीच कार्बन की छड़ रखी होती हैं। जिसका ऊपरी सिरा बाहर निकला होता हैं। जो कार्बन (C) की छड़ के ऊपरी सिरे पर पीतल की एक टोपी लगी होती हैं।
कार्बन की छड़ धन ध्रुव (+) की तरह व्यवहार करती हैं।
बेलनाकार पात्र के मुख को चिपड़ी या गोंद आदि से बंद कर देते हैं।
इस बेलनाकार पात्र पर बारिक छिद्र रखा जाता है ताकि अमोनिया (Nh3) गैस बाहर निकल सके।
इस पात्र में अन्दर की दीवारों पर अमोनिया क्लोराइड (NH4Cl) , जिंक (zn) क्लोराइड एवं गोंद का पेस्ट का गाढ़ा लेपन होता हैं।
बेलनाकार पात्र के मध्य में एक कार्बन (C) और डाइ ऑक्साइड चूर्ण के मिश्रण से भरी एक मखमल की थैली होती हैं।
बेलनाकार पात्र के बीचों बीच कार्बन की छड़ रखी होती हैं। जिसका ऊपरी सिरा बाहर निकला होता हैं। जो कार्बन (C) की छड़ के ऊपरी सिरे पर पीतल की एक टोपी लगी होती हैं।
कार्बन की छड़ धन ध्रुव (+) की तरह व्यवहार करती हैं।
बेलनाकार पात्र के मुख को चिपड़ी या गोंद आदि से बंद कर देते हैं।
इस बेलनाकार पात्र पर बारिक छिद्र रखा जाता है ताकि अमोनिया (Nh3) गैस बाहर निकल सके।
नोट—
- प्राथमिक सेल में हाइड्रोज (H) की पानी में परिवर्तित होने की क्रिया धीमी होती हैं ।
- इसका विद्युत वाहक बल 1.5 वोल्ट (volt) होता हैं।
- इसका 0.25 ऐम्पियर (Ampere) की धारा ली जा सकती हैं।
- प्राथमिक सेल में हाइड्रोज (H) की पानी में परिवर्तित होने की क्रिया धीमी होती हैं ।
- इसका विद्युत वाहक बल 1.5 वोल्ट (volt) होता हैं।
- इसका 0.25 ऐम्पियर (Ampere) की धारा ली जा सकती हैं।
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