बोहर (बोर) का परमाणु मॉडल | Bohr’s Model of Atom in Hindi



बोहर (बोर) का परमाणु मॉडल  (Bohr’s Model of Atom)


डेनिश देश के महान भौतिक वैज्ञानिक “नील बोहर” ने अपना परमाणु मॉडल 1912 में प्रस्तावित किया। रदरफोर्ड परमाणु प्रतिरूप भौतिकी के अनुरूप नहीं था। क्वांटम सिद्धांत पर आधारित बोर के अपनी तर्क दिए ।

बोर का हाइड्रोजन परमाणु प्रतिरूप (Hydrogen atomic model of bore)

इस मॉडल के अनुसार परमाणु के केन्द्रीय भाग में धनात्मक आवेश वाला नाभिक होता है उसके चारो ओर वृत्ताकार कक्षा (Circular orbit) में इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हैं। यह मॉडल सौर मण्डल के मॉडल समान ही प्रतीत होता है, अन्तर केवल इतना है कि यहाँ इलेक्ट्रॉनों की वृत्तीय गति के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल  Provincial force) नाभिक स्थित धनावेशित प्रोटॉनों एवं ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों के बीच के आकर्षण बल से मिलता है, गुरुत्वाकर्षण (Gravity) से नहीं।

 हाइड्रोजन परमाणु प्रतिरूप की मुख्य अवधारणाएं निम्नलिखित हैं। 

  1. हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन निश्चित तौर त्रिज्या एवं ऊर्जा की वृत्ताकार कक्षाओं में ही गति करता है। इन्हें कोश अथवा कक्ष कहा जाता है। इन कक्षो को 1,2,3,4 ---- या K,L,M,N,O से प्रदर्शित करते हैं।
  2. एक निश्चित कक्षा में chakkar लगाने पर इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है, परन्तु उच्च कक्षा से निम्न कक्षा अथवा निम्न से उच्च कक्षा में जाने पर ऊर्जा का क्रमशः उत्सर्जन व अवशोषण होता है। 
  3. इन कक्षो में इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग (mvr), h/2π या इसका गुणज होता है,
 यहां h प्लाक नियतांक है। 
m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान  
v = इलेक्ट्रॉन का वेग  
r = कक्ष की त्रिज्या 
       h = प्लांक का नियतांक मान (6.626×10-27 अर्ग–सेकेण्ड)

बोहर की परमाणु मॉडल की कमियां, सीमाएँ , दोष (Drawbacks of Bohr's nuclear model, limitations, defect)

  •  जिमान प्रभाव (Zeeman Effect) की बोहर ने परमाणु मॉडल के आधार पर व्याख्या नहीं की जा सकती है।
  • परमाणु के नाभिक को बोहर ने स्थाई माना है लेकिन नाभिक अपने अक्ष के परित: घूर्णन करता रहता है।
  • बोहर के अपने परमाणु मॉडल के अनुसार परमाणु की कक्षाएं वृत्तियों रूप में चक्कर लगाती है लेकिन वैज्ञानिक समरफिल्ड ने परमाणु की कक्षाओं को दीर्घवृत्तिय बताया।
  • स्पेक्ट्रमी रेखाओं की तीव्रता की व्याख्या नहीं की। कुछ परमाणु जैसे Na आदि में दो स्पेक्ट्रम रेखाएं दिखाई देती है , इसकी व्याख्या इस परमाणु मॉडल के द्वारा नहीं की जा सकती है।
  • एकल इलेक्ट्रॉन परमाणुओं के लिए ही सत्य है जैसे H , He+ , Na+1 , Li2+  आदि ।

Tags

Post a Comment

0 Comments