रदरफोर्ड परमाणु का मॉडल (Rutherford's model of atom)

रदरफोर्ड परमाणु का मॉडल (Rutherford's model of atom)

अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने 1911 में सोने की पतली पन्नी पर्णिका (Foil) (100 नेनोमीटर ) पर ऐल्फा कणों (हीलियम के नाभिक) की बोछार की जिसके चारों ओर जिंक सल्फाइड (Zns) का पॉलिश किया हुआ एक वृत्ताकार आवरण था।

इस प्रयोग से निम्नलिखित प्रेक्षण प्राप्त हुए

  1.  अधिकाश कण  सीधे आगे निकल जाते हैं
  2. कुछ कण 90˚ व 120˚ कोण पर विक्षेपित होकर आगे की ओर निकल जाते हैं।
  3. 2000 कणों की बौछार करने पर एक कण ऐसा था जो 180˚ कोण से विक्षेपित होकर वापस आ जाता है अर्थात् पतली पन्नी से टकरा कर पुनः उसी मार्ग से वापस आ जाता हैं।
इस प्रयोग से निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले 
  1. परमाणु का अधिकांश भाग खाली होता है।
  2.  परमाणु में धन आवेश एक जगह केन्द्रित हैं।
  3. नाभिक का size (धनावेश)  परमाणु के आयतन की तुलना में बहुत कम होता हैं।
  4. परमाणु का center धनावेशित [+] होता है उसे नाभिक कहते हैं।

निष्कर्षों के आधार पर रदरफोर्ड के नाभिकीय परमाणु मॉडल
इनके मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं

  1. परमाणु का समस्त द्रव्यमान नाभिक मे center में होता हैं।
  2. नाभिक की त्रिज्या 10-15 मीटर होती हैं।
  3. परमाणु का अधिकांश भाग खाली होता हैं।
  4. इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित वृत्ताकार पथ मे चक्कर लगाते हैं जिन्हें कक्ष या कोश कहते हैं 
  5. नाभिक व इलेक्ट्रॉन के मध्य लगने वाला बल " स्थिर विद्युत आकर्षण बल "(Stable electric attraction force) कहलाता हैं।
  6. नाभिक व इलेक्ट्रॉन तीव्र गति से घूमने पर "अभिकेन्द्रीय बल (Provincial force) " से संतुलित रहता हैं।
  7. परमाणु में इलेक्ट्रॉन व नाभिक का आवेश (Charge) बराबर होने पर परमाणु विद्युत उदासीन होता हैं।
रदरफोर्ड परमाणु प्रतिरूप की कमियां (Rutherford's model of atom)
  1. धन आवेशित नाभिक के चारों ओर घूमता ऋण आवेशित इलेक्ट्रॉन त्वरण के कारण ऊर्जा विकिरण उत्सर्जित करेगा, जिसमें ऊर्जा में लगातार कमी न इलेक्ट्रॉन अन्ततः नाभिक में गिर जायेगा और परमाणु स्थायी नहीं रहेगा।‌‌‌
  2. रदरफोर्ड परमाणु ‌‌‌के इलेक्ट्रॉन के लिए निश्चित पथ नहीं बता सका
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