State of Matter (पदार्थ की अवस्थाएं) in hindi

पदार्थ क्या हैं? (What is matter)

हमारे चारोंओर स्थित भिन्न-भिन्न वस्तुएँ जैसे— जल, हवा, नमक किताब, कम्प्यूटर, आदि सभी द्रव्य पदार्थ है। प्रत्येक वस्तु जो स्थान घेरती है, जिसमें द्रव्यमान होता है एवं जिसे पाँच ज्ञानेन्द्रियों द्वारा महसूस किया जा सकता हैं वह द्रव्य या पदार्थ (Matter) कहलाता हैं।
जब हम कहते है कि द्रव्य का द्रव्यमान होता हैं इसका अर्थ हैं कि इसका भार होता हैं एक वस्तु जितनी अधिक भारी होगी उतना ही अधिक उसका द्रव्यमान होगा। द्रव्य स्थान घेरता है इसका अर्थ है उसका आयतन होता हैं।

द्रव्य के गुणधर्म (Properties of matter)

  1. द्रव्य के कणों के मध्य रिक्त स्थान होता हैं।
  2. द्रव्य के कण निरंतर गतिशील रहते हैं।
  3. द्रव्य के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

द्रव्य के प्रकार Type of Matter

द्रव्य में उपस्थित अवयवों के आधार पर इन्हें दो प्रकार में विभाजित किया गया हैं।

  1. शुद्ध द्रव्य (Pure Matter)
  2. अशुद्ध द्रव्य (Impur Matter)


1. शुद्ध द्रव्य (Pure Matter)

ऐसे द्रव्य जिनमें एक ही प्रकार के घटक या अवयव होते हैं उन्हें शुद्ध द्रव्य कहते हैं।
जैसे — लोहा, सोना, जल, ऑक्सीजन आदि तत्व एवं यौगिक शुद्ध द्रव्य हैं।

2.अशुद्ध द्रव्य (Impure Matter)

ऐसे द्रव्य जिनमें एक से अधिक प्रकार के घटक या अवयव होते है, उन्हें अशुद्ध द्रव्य कहते हैं।
जैसे — शीतल पेय, मिट्टी, वायु  आदि। मिश्रण अशुद्ध द्रव्य हैं।

द्रव्य की अवस्थाएँ (States of Matter)

द्रव्य को भौतिक अवस्थाओं के आधार पर तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया जा सकता हैं।

  1. ठोस (Solid)
  2. द्रव
  3. गैस
  4. प्लाजमा
  5. बोस आइंस्टीन कंडनसेट (B.E.C.)

अब वैज्ञानिकों ने प्लाज्मा, बोस अवस्थाओं पर विचार कर रहे हैं 
जैसे — H2Oगैस अवस्था — भाप (Steam)
             H2O द्रव्य अवस्था — जल (Water)
           H2O ठोस अवस्था — बर्फ (Ice)

पदार्थ की अवस्थाओं के अभिलाक्षणिक गुण

ठोस अवस्था (Solid State)

 हमारे चारों और असंख्य पदार्थ ठोस रूप में उपस्थित हैं। जैसे — लकड़ी का टुकड़ा, पत्थर, पेंसिल, पेन, कम्प्यूटर, नमक आदि।

  1. ठोस का आकार निश्चित होता हैं।
  2. ठोस का आयतन निश्चित होता हैं।
  3. ठोस का घनत्व अधिक होता हैं।
  4. ठोस में सम्पीड्यता नगण्य होता हैं।
  5. ठोस के कणों के मध्य उच्च अंतराणुक आकर्षण बल पाया जाता हैं।
  6. ठोस के कणों में विसरण अत्यंत कम होता हैं।

 द्रव अवस्था (Liquid  State)

जल, सरसों का तेल, मिट्टी का तेल, द्रव के उदाहरण हैं। द्रव का आयतन निश्चित होता हैं परंतु इनकी आकृति निश्चित नहीं होती हैं ये पात्र के अनुसार आकार ले लेता हैं। द्रव प्रवाह कर सकते हैं। द्रव को उडेला या फैलाया जा सकता हैं, द्रव के गुण ठोस और गैस के मध्यवर्ती होते हैं।

  1. द्रव का आकार अनिश्चित होता हैं।
  2. द्रव का आयतन निश्चित होता हैं।
  3. द्रव का घनत्व गैस से अधिक परन्तु ठोस से कम होता हैं।
  4. द्रव में सम्पीड्यता बहुत कम होती हैं।
  5. द्रव के कणों के मध्य दुर्बल अंतराणुक आकर्षण बल पाया जाता हैं।
  6. द्रव के कणों में विसरण गैस से कम परन्तु ठोस से अधिक होता हैं।

गैस अवस्था (Gas State)

हमारे आस-पास उपस्थित वायु गैस अवस्था का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं  ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, ऑर्गन, कार्बन डाई ऑक्साइड आदि।

  1. गैस का आकार अनिश्चित होता है ये पात्र के आकार के अनुसार आकार ले लेती हैं।
  2. गैस का आयतन अनिश्चित होता हैं ये पात्र के अनुसार आयतन ले लेती हैं।
  3. गैस का घनत्व अत्यंत कम होता हैं।
  4. गैस में सम्पीड्यता अत्यधिक होती हैं।
  5. गैस के कणों के मध्य अंतराणुक आकर्षण बल नगण्य होता हैं।
  6. गैस के कणों में विसरण अत्यधिक होता है। अतः शीघ्रतापूर्वक सभी जगह फैल जाती हैं।
गैस के कणों के मध्य अत्यधिक दूरी होती हैं। अधिक दाब लगाकर एवं ताप कम करके इन्हें समीप लाया जा सकता है एव द्रवित (Liquify) किया जा सकता हैं। ईंधन के रूप में प्रयुक्त C.N.G.  का नाम संपीडित प्राकृतिक गैस हैं। L.P.G.  द्रवित पेट्रोलियम गैस है।


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