karmdharay Samas - कर्मधारय समास: परिभाषा, उदाहरण Sanskrit Grammar

कर्मधारय समास - परिभाषा,भेद और उदाहरण [Karmdharay Smas]

कर्मधारय समास की परिभाषा -समानिधिकरण तत्पुरुष को कर्मधारय समास कहते हैं। जहाँ पर विशेषण और विशेष्य का समानाधिकरण समास होता है उसे 'कर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे-'कृष्णः सर्प' (काला सॉप)
 यहाँ पर विशेषण और विशेष्य का समानाधिकरण समास है।
अतः यह कर्मधारय समास है। कर्मधारय समास में प्रायः दोनों पदों में प्रथमा विभक्ति होती है और दोनों पदों के बीच में 'च असौ, तत्, इव, एव' शब्द लगाकर विग्रह किया जाता है।
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कर्मधारय समास के प्रकार

 कर्मधारय समास चार प्रकार का होता है

  1. उपमान पूर्वपद कर्मधारय
  2. उपमानोत्तरपद कर्मधारय
  3. विशेषण पूर्वपद कर्मधारय
  4. अवधारणा पूर्वपद कर्मधारय

(1) उपमान पूर्वपद कर्मधारय (उपमान समास)

जहां पर उपमान वाचक शब्द पूर्व में होता है और उपमान वाचक तथा उपमेय वाचक तथा शब्दों के बीच 'इव' लगाकर समास किया जाता है तब उपमान पूर्वपद कर्मधारय समास होता है।
उदाहरण
घन + इव + श्यामः = घनश्यामः (बादल के समान काला)
नवीनतम् + इव + कोमलम् = नवनीतकोमलम् (मक्खन के समान कोमलम)
कमलम् + इव + मुखम् = कमलमुखम् (कमल के समान मुख)
चन्द्: इव मुखम्  चन्द्रमुखम् ( चन्द्र के समान मुख)
शैल इव उन्नत: इति  शैलोन्नत: (शैल के समान उन्नति)
वज्रम् इव कठोरम् इति वज्रकठोरम् ( वज्र के समान कठोर)

(2) उपमानोत्तरपद कर्मधारय (उपमित समास)-

जब उपमान वाचक शब्द बाद में होता है तब उसे उपमानोत्तर पद कर्मधारय समास कहते हैं। उपमेय वाचक शब्दों का व्याघ्र आदि के साथ उपमित (कर्मधारय) समास होता है।
जैसे
पुरुष व्याघ्रः + इव = पुरुषव्याघ्रः (पुरुष व्याघ्र के समान)
नरः सिंह + इव = नरसिंहः (मनुष्य सिंह के समान)
मुखं चन्द्र + इव = मुखचन्द्रः (मुख चन्द्रमा के समान)
पुरुष: सिंह: इव पुरुषसिंह: (पुरुष सिंह के समान)
मुखम् कमलम् इव  मुखकमलम् (मुख कमल के समान)
पुरुष: नाग: इव पुरुषनाग ( पुरुष नाग के समान)

(3) विशेषणपूर्वपदकर्मधारय-

जब कर्मधारय समास में पूर्वपद विशेषण होता है और उत्त पद विशेष्य होता है इन दोनों का समास होने पर विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास होता
उदाहरण
नीलम् + उत्पलम् = नीलोत्पलम् (नीला कमल)
कृष्णः + सर्पः = कृष्णसर्पः (काला साँप)
 सुन्दरः + पुरुषः = सुन्दरपुरुषः (सुन्दर पुरुष)
मधुरम् + फलम् - मधुरफलम् (मीठा फल)
महान् + राजा = महाराजः (महान् राजा)
पीतम् + अम्बरम् = पीताम्बरम् (पीला अम्बर)
रक्तम् + कमलम् रक्तकमलम्
दीर्धा + रज्जु: दीर्धरज्जु
एक + पुरुष: एक पुरुष
श्वेतं वस्त्रम् श्वेतवस्त्रम्


(4) अवधारणा पूर्वपद कर्मधारय

विद्या एवं धनम् विद्याधनम्
गुरु: एवं देव: गुरुदेव:
तट: एवं धनम् तपोधनम्
वेद: एवं सम्पत् वेदसम्पत्

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