Yugm Shabd in Hindi (युग्म - शब्द)(Combination words)
युग्म शब्द की
परिभाषा हिंदी के अनेक शब्द ऐसे हैं, जिनका उच्चारण प्रायः समान होता हैं। किंतु
दूसरे शब्दों में- हिन्दी में कुछ शब्द ऐसे हैं, जिनका प्रयोग गद्य की अपेक्षा पद्य में अधिक होता है। इन्हें 'युग्म शब्द' या 'समोच्चरितप्राय भित्रार्थक शब्द' कहते हैं। उपसर्ग
Yugm Shabd
यहाँ ऐसे युग्म शब्दों की सूची उनके अर्थो के साथ दी जा रही है- (hindi-combination-words )
शब्द अर्थ
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कदन –युद्ध
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क्रन्दन - चीख
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अंश- हिस्सा
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अंस - कन्धा
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अकथ - कुछ कह न जा सके
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अथक - जो थके
नहीं
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अकुल - बिना कुल का
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आकुल - व्याकुल
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अकूत - बिना अंदाज
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आकूत - अभिप्राय
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अक्ष - धुरी
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अक्षि – आँख
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अग - सर्प/ पर्वत
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अघ - पाप
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अगम- जहाँ जाना सम्भव नहीं
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आगम - शास्त्र/आना
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अचल - पर्वत
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अचला – पृथ्वी
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अजर – देवता
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अजिर - आँगन
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अतल – गहरा
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अतुल - तुलना
न हो
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अद्य - आज
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आद्य – पहला
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अधूत- निडर
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अवधूत- योगी
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अनत- जो झुका न हो/सीधा
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अनति - अहंकार/न्यून,
अनंत -अत्यधिक |
अनभिज्ञ – अनजान
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अभिज्ञ
जानकार
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अनल – आग
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अनिल – हवा
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अनिष्ट - बुरा
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कनिष्ठ– निष्ठाहीन
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अनुग – अनुयायी
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अनुज - छोटा भाई
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अन्तर्देशीय - देश के भीतर
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अन्तरदेशीय - देशों
के बीच
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अपमान - निरादर
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उपमान-जिससे उपमा दी जाए
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अपिधान –ढक्कन
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परिधान – पहनावा
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अपेक्षा -आशा/तुलना
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उपेक्षा- अवहेलना
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अभय -निडर
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उभय -
दोनों
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अभिज्ञ -
जानकार
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अविज्ञ - मूर्ख
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अभिनन्दन – स्वागत
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अभिवादन – नमस्कार
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अभिराम – सुन्दर
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अविराम - लगातार
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अभिसार - छिपकर मिलना
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अभीसार - आक्रमण
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अमल - क्रियान्विति/ नशा
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अम्ल- खट्टा/तेजाब
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अमूल - बिना
जड़ का
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अमूल्य- अनमोल
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अयश- बदनामी
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अयस - लोहा
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अराल -
मतवाला हाथी
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अराला - वेश्या
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अरि – दुश्मन
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अरी - सम्बोधन
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अर्चन - पूजा
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अर्जन - संग्रह
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अर्थी - इच्छुक/याचक
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अरथी - शव-शय्या
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अलक - बाल
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अलिक – ललाट,
अलीक - मिथ्या
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अलि/आलि- भ्रमर(छोटा'लि)
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अली/आली -
सखी(बड़ा'ली')
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अलोक – अदृश्य
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आलोक प्रकाश
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अवगत – ज्ञात
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अविगत - अव्यक्त/दूर
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अवदान - प्रशंसित कार्य
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अवधान - योग/ध्यान
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अवधि - समय
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अवधी - भाषा विशेष
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अवमर्श - स्पर्श/सम्पर्क
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अवमर्ष - आलोचना
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अवलम्ब – सहारा
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अविलम्ब - बिना देरी के
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अवली –पंक्ति
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आविल - गंदा
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अवशेष - बाकी
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अविशेष - सामान्य
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अविहित - विधि विरुद्ध
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अभिहित - कथित/उक्त
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अशक्त – निर्बल
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असक्त –- उदासीन
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अशन – भोज
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आसन - बैठने का स्थान
आसन्न – निकट
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अशर - बिना
बाण का
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असर -
प्रभाव
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अशीलता - उद्दण्डता
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असिलता - तलवार
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अस्व - पराया/धन
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अश्व - घोड
अश्म - पत्थर
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अह - दिन
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अहि- सर्प
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अहम - मैं (अहंकार)
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अहम , - मुख्य
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आकुंचन -
सिमटना
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आलुंचन - चीरना/नोचना
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आदि - प्रारंभ
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आदी - आदत
वाला
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आधि - मानसिक
कष्ट
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व्याधि - शारीरिक
कष्ट
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आपाद - पैर तक
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आपात – आकस्मिक
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आभरण – आभूषण
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पर्दा आमरण,
आवरण-– मृत्युपर्यन्त
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आयास – श्रम
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आवास- घर
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आरति – विराम
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आरती
- पूजा/धूप-बत्ती
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आरि
- जिद्द
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आरी - काटने
का औजार
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आहुत - हवन सामग्री
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आहूत - बुलाया
हुआ
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इति - समाप्ति
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ईति - दैविक
आपदा
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इत्र-
सुगंधित द्रव्य
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इतर - अन्य
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इला - पृथ्वी
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इली - कटार/छोटी तलवार
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उत्पल – कमल
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उपल - पत्थर/ओले
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उदार - विशाल
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उदर - पेट
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उद्यत – तैयार
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उद्धत-
उद्दण्ड
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उद्वेक - वृद्धि
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उद्वेग - चिन्ता
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उपधान – तकिया
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अभिधान - नाम
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उपादान
– साम
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उपधान
– तकिया
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उर – हृदय
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ऊरु – जाँघ
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ऋतम्भर - ईश्वर
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ऋतम्भरा – बुद्धि
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कंचन -स्वर्ण
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कंचनी – वेश्या
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कंजर - नीच पुरुष/एक जाति
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कुंजर – हाथी
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कटक – सेना
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कंटक - काँटा
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कटि – कमर
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किटि - सूअर
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कथा - कहानी
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कंथा - गुदड़ी
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कपट – छल
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कपाट - द्वार
(दरवाजा)
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कर – हाथ
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करि - हाथी
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कीर – तोता
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कारा - बंद
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करी – हाथी
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कीर - तोत,
कर - हाथ/किरण/सूंड/टैक्स
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करोड़ -
सौ लाख
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क्रोड – गोद
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कलुष- पाप
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कुलिश – वज्र, कलश- घड़ा
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कश – चाबुक
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कष
- कसौटी
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कांता -
सुन्दर, स्त्री
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कांतार -जंगल
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कुट - घर/किला
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कूट - पर्वत/पर्वत
की
चोटी
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कान – श्रवणेन्द्रिय
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कानि - मर्यादा
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किला – गूढ
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कीला – खूटा, कीट- कीड़ा
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कुजन - दुर्जन
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कूजन – कलरव
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कुण्डल- कान का आभूषण
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कुन्तल - बाल
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कुपथ- कुमार्ग
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कुपथ्य - अनुचित
भोजन
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कुल- वंश/सम्पूर्ण
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कूल - किनारा
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कृतज्ञ - उपकार मानना
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कृतघ्न - उपकार
न मानना
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कृति- रचना
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कृती – रचनाकार
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कृपण – कंजूस
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कृपाण - तलवार
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क्रम - सिलसिला/व्यवस
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कर्म - काम
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खंजन
- एक छोटी चिड़िया
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खंजर -
कटार
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खरा - शुद्ध/विशुद्ध
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खर्रा - लंबा
चिट्ठा
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खाँड - शक्कर/चीनी
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खाँडा - तलवार
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खाड़ी - उपसागर
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खारी -
नमकीन
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गात – शरीर
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घात - हमला
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गिरा - वाणी
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गिरि – पहाड़ फलों का गूदा
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ग्रन्थि - गाँठ
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ग्रन्थी – सिक्खों का पुरोहित
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ग्रह -नक्षत्र
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गृह
- घर
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घट – घड़ा
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घटक – अवयव
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घटा – मेघमाला
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घटी - 24 मिनट का समय
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घटिका - घड़ी
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घोटक - घोड़ा
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घालक – घातक
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पालक - पालने
वाल
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घोस – बस्ती
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घोष - गर्जन
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चंपत - गायब
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चपत – तमाचा
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चतुष्पद -चौपाया
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चतुष्पथ – चौराहा
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चपल - चंचल
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चपला – बिजली
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चरि - जानवर
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चरी - चारा
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चसक- आदत
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चषक - शराब का प्याला
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चिकुर – केश
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चिबुक - ठोड़ी
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चित् - ज्ञान,
चेतन
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चित - पीठ के
बल,
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चिन्ता - सोच
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चिता -
मृतक दाहाग्नि,
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चिर सदैव
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चीर वस्त्र
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छगड़ी – बकरी
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छकड़ी - बैलगाड़ी
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छाग – बकरा
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छाक - तृप्ति/नश,
छाछ - मट्ठा
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जगत - कुएँ पर बना चबूतरा
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जगत् - संसार
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जठर – पेट
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जरठ - बूढ़ा
|
ज़र - विनाश
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जरा – बुढ़ापा.
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जलांचल - पानी का सोता
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जलांतक - समुद्र
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जुआ -बैलों के
कंधे की लकड़ी (Yoke)
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जूआ - द्यूतक्रीड़ा
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ज्वर - बुखार
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ज्वार
- उफान
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टेव - आदत
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टेवा- विवाह-पत्रिका
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टोप – टोपी
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ठोप - बूंद/बिंदु
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डामर – तारकोल
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डाबर
- गंदा/गड्ढ़ा
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डीढ़ – नजर
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ढीढ़ - बेशर्म
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डोर - सूत/धाग
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ढोर - मवेशी
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तमचर – उल्लू
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तमचूर - मुर्गा
|
तरंग - लहर
|
तुरंग – घोड़ा
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तरणि-सूर्य
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तरणी- नाव,तरुणी - युवती
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तर्क - बहस/युक्ति
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तक्र - छाछ
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तोष – संतुष्टि
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तोश - हिस्सा
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तोषक – धैर्यदाता
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तोशक - रूईदार
गद्दा
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दंस – डंक
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दंश – चुभन
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दमन – दबाना
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दामन - छोर/आँचल
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दमन – दबाना
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दामन - पल्ला
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दारु - लकड़ी/पेड़
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दारू – शराब
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दाह - जल जाना
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दह - गंभीर/बड़ा तालाब
देह - शरीर
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दिक् – दिशा
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दिक्क – परेशान
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दुति -
चमक
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दूती - संदेशवाहिका
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दुरत - छिपना
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दूरित पाप
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देव- देवता
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दैव- भाग्य
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नंदी - शिव का
वाहन
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नांदी - मंगलाचरण
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नव – नया
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नय - नीति
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नाई - हजामत
बनाने वाला
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नाईं - की
तरह
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नाग- हाथी/सर्प
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नाका- स्वर्ग / नासिका
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नावक - मधुमक्खी
का डंक
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नाविक – मल्लाह
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नियत - निश्चत
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निर्जर – देवता
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निर्झर - झरना
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निर्वाण मोक्ष
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निर्माण रचना
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निर्वाद- निंदा/अफवाह
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निर्वात - बिना हवा के
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निवृत्ति – छुटकारा
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निर्वृत्ति - सिद्धि/पूर्ति
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निशामुख - गोधूली
वेला
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निशामृग - गीदड़
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नेकु – तनिक
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नेक - अच्छा
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नौल - नया
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नौला - नेवला
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पटु – चतुर
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पट्टू -ऊनी वस्त्र
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पतन - गिरावट
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पत्तन - नगर
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पता- ठिकाना
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पत्ता - पत्र
(पर्ण)
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पर – अन्य
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परा - ब्रह्मविधा
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परम – बड़ा
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प्रज्ञा -
सुन्दरता
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परवाह – चिन्ता
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प्रवाह - बहाव
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परिणीत - विवाहित
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प्रणीत - रचित
परिणत - बदला हुआ
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परिध
- भाला/बर्छी
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परिधि - सीमा
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परीक्षा – जाँच
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परिक्षा -
कीचड़ /गीली मिट्टी
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पर्यक – पलंग
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पर्यन्त - सीमा तक
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पशु - जानवर
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पांशु रेत
|
पानी -जल
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पाणि - हाथ
|
पायस – खीर
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पावस - वर्षा ऋतु
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पाश - जाल
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पास – निकट,
पार्श्व - बगल/पीछे
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पिक – कोयल
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पीक – थूक
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पुर - नगर
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पूर - बाढ़
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पुरंदर - इन्द्र
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पुरंदरा - गंगा
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प्रकार – ढंग
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प्राकार - चारदीवारी
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प्रकृत - यथार्थ
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प्राकृत - स्वाभाविक
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प्रण – प्रतिज्ञा
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पर्ण - पत्ता
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प्रतीप – उलटा
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प्रदीप - दीपक
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प्रवाद - जनश्रुति प्रमाद
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प्रमाद - आलस्य
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प्रवाल - मूंगा
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प्रवार - ओढ़नी
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प्रसाद - कृपा/भोग
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प्रासाद - महल
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प्रहार - चोट
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परिहार - त्यागना
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प्रांजल - सरल
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प्रांजलि - हाथ जोड़ना
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फन - कला-गुण
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फण - सांप का
फैला हुआ
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बदन - शरीर
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वदन –- मुख
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बलि – भेंट
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बली - बलवान
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बान – आदत
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बाण - तीर
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बेर - एक फल
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बैर - दुश्मनी
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बेला
- मोगरा
|
वेला - समय
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भासन – प्रकाशन
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भाषण - कथन
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भिक्षु
- सन्न्यासी
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भिक्षुक - भिखारी
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भिड – ततैया/बर्र
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भीड़ - जनसमूह
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मंजरी - मुकुल
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मंजीर - नूपुर
|
मनुज - मनुष्य
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मनोज - कामदेव
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मनोज - कामदेव
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मनोज्ञ - मनोहर
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मन्दर – पर्वत
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मन्दिर -देवालय
|
मरीचि - किरण/रश्मि
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मरीची - चंद्रमा/सूर्य
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मारीच - एक राक्षस
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मारीची - माया
|
मल – विष्ठा
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मल्ल - पहलवान
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माणिक्य - एक रत्न
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माणिक्या - छिपकली
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मास- महीना
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माष - उड़द
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मेघ – बादल
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मेध - यज्ञ
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मेद – चर्बी
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मेदा- पेट,
मैदा- महीन आटा
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मौर– मुकुट
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मोर - राष्ट्रीय
पक्षी
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याचक - भिखारी
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याजक - यज्ञ करने वाला
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याम - पहर
|
यामा - रात्रि
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रंक- गरीब
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रंग - वर्ण
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रंचक – थोड़ा
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रंजक- मेहंदी
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रज्जु -
रस्सी
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ऋजु - सरल/सीधा
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रीस - ईर्ष्या
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रिस - क्रोध
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लक्ष्य – उद्देश्य
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लक्ष - लाख
|
लश – गोंद
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लशु – लहसुन
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लोभ - लालच
|
लोम - बाल
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वत्स -
बछड़ा या
पुत्र
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वत्सर - वर्ष/साल
|
वरण - चुनना
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वारण – हाथी
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वर्ण- रंग
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व्रण – घाव
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वसन - वस्त्र
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व्यसन - बुरी आदत
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वसुदेव- कृष्ण
के पिता
|
वासुदेव
- श्री कृष्ण
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विजय – जीत
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विजया- देवी/भाँग
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विदुर – कुशल
|
विदुल -बेंत
|
विपणि -दुकान
|
विपणी -दुकानदार,
विपण- बाजार
|
विपिन - जंगल
|
विपन्न – गरीब
|
विमर्श - आदान-प्रदान
|
विमर्ष – क्रोध
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विलक्षण – विचित्र
|
विचक्षण - विद्वान्/दूरदर्शी
|
वृंद - समूह
|
वृंत - डंठल
|
वेश्या–
रंडी
|
वैश्या
- वैश्य
की पत्नी
|
व्यंग --विकलांग
|
व्यंग्य – छींटाकसी
|
व्यंजन – पकवान
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व्यजन – पंखा
|
व्यष्टि - व्यक्ति
|
व्यष्टका- कृष्ण
पक्ष की प्रतिपदा
|
व्याघ्र - बाघ
|
व्याध – शिकारी ,
व्याधि - शारीरिक रो
|
व्याज - बहाना
|
ब्याज - सूद
|
व्रण – घाव
|
वर्ण - रंग
|
शंका -
संदेह
|
आशंका – डर
|
शंबु - घोंघा
|
शंभु - शिव
|
शकल - चमड़ा/शक्ल/ टुकड़ा
|
सकल - समस्त
|
शकृत - विष्टा/बींठ
|
सकृत -- एक
बार,
सुकृत - अच्छा कार्य
|
शब - रात्रि
|
सब - सम्पूर्ण
|
शम – शांति
|
सम – बराबर
|
शमा – दीपक
|
शमी – खेजड़ी
|
शमी – खेजड़ी
|
शम- शांति ,
सम - बराबर
|
शयन – सोना/आराम करना
|
सयन -बंधन
|
शर - बाण
|
सर - तालाब
|
शलभ - पतंगा
|
सुलभ - आसानी
से प्राप्त
|
शिखर – चोटी
|
शेखर - मस्तक
|
शिखा – चोटी
|
शिखी - मोर ,
शाखा - टहनी/अनुभाग
|
शित दुर्बल
|
शिति - नीला
|
शुचि – पवित्र
|
शचि - इन्द्राणी
|
शोक - दुःख
|
शौक - रूचि
|
श्रवण -
सुनना
|
श्रमण – बौद्धभिक्षु
|
श्रोत – कान
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स्त्रोत-
झरना
स्तोत्र
- मंत्र/स्तुति
|
श्लील - शिष्ट
|
सलील - स्वैरी/नदी
|
श्वजन - कुत्ता
|
स्वजन – परिजन
|
श्वत – सफेद
|
श्वेद् - पसीना
|
श्वपच – चाण्डाल
|
स्वपच – सरलता से पचने वाला
|
सती – पवित्र
स्त्री
|
शती - शताब्दी
|
सन् - वर्ष/साल
|
सन - पटुआ
|
सबल – बलवस
|
शबल - रंगबिरंगा
|
सर्ग – अध्याय
|
स्वर्ग - एक
लोक विशेष
|
सहर - सबेरा
(सुबह)
|
शहर
- नगर
|
सिता – शक्कर
|
सीता - जानकी
|
सिल - पत्थर
|
सील - मुहर/नमी
|
सिवा – अतिरिक्त
|
शिवा - पार्वती
|
सुचि - सुई
|
सूची - तालिका
|
सुत - पुत्र
|
सूत - धागा/सारथि/भाट
|
सुधि – याद
|
सुधी- बुद्धिमान
|
सुर – देवता
|
सूर – सूर्य, शूर - वीर
|
सुरभि – गंध
|
सुरभी - गाय
|
स्तन – उरोज
|
स्तन्य - दुध
|
स्मर - कामदेव
|
समर – युद्ध ,
स्मरण
– याद
|
स्मित - मुस्कान
|
विस्मित - आश्चर्य
|
स्व – अपना
|
श्व – आने वाला कल
|
स्वगत – अपना कथन
|
स्वागत - आदर
|
हय – घोड़ा
|
हेय - निम्न
|
हर- शिव
|
हरि - विष्णु, हरी - हरे रंग की
|
हाल - दशा
|
हाला - शराब
|
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