एकार्थक शब्द (Ekarthak shbd)
एकार्थी शब्द ( समान अर्थ ) में प्रतित होने वाले शब्द को एकार्थक शब्द कहते हैं।
समानार्थी (एकार्थक शब्द )
- अगोचर - जो इंद्रियों द्वारा दिखाई ना दे किंतु जिसे प्रयत्न पूर्वक देखा जा सके दूरदर्शी यंत्र से ग्रह नक्षत्र देखना
- अज्ञेय - जिसे नए जा ना जा सके, ईश्वर
- अधिक - जिसकी गणना की जा सके
- बहुत - जिसकी गणना संभव नहीं हो
- अर्पण - जब अपने से बड़ों को कोई वस्तु भेंट अथवा अर्पित की जाती है
- प्रदान - बड़े लोग छोटों को जो वस्तु देते हैं।
- अनुरूप - अनुरूप में कर पद, योग्यता, शिक्षा, तुलना आदि का भाव निहित रहता है।
- अनुकूल - योग्यता का भाव निहित रहता है।
- अभियोग - किसी को अपराधी सिद्ध करना
- दोषारोपण - किसी को बदनाम करने के उद्देश्य से दोष लगाए जाते हैं।
- आकार - किसी वस्तु की भाई आकृति
- रूप - भाई वस्तु के बाह्य स्वरूप और सुंदरता से संबंधित होता है।
- आधि - मानसिक पीड़ा
- व्याधि - शारीरिक पीड़ा
- आशंसा - शुभकामना अथवा कल्याण की कामना करना
- अनुशंसा - किसी की योग्यता को प्रमाणित करना
- उपकरण - किसी यंत्र के पुरज़े अथवा हिस्से आदि होते हैं।
- उपादान – कारण। कारण के बिना कार्य नहीं होता
- ऋषि – ब्रह्माज्ञान जानने वाला
- मुनि – जो मौन रहकर धर्म दर्शन आदि पर चिंतन
- साधक - किसी विशेष कार्य के संपादन करने में अपनी पूरी क्षमता के साथ नील रहता है।
- कर्त्तव्य – कोई कार्य राष्ट्रीय, धार्मिक, सामाजिक आदि दायित्वों से युक्त हो जाता है।
- कार्य – सामान्य कामकाज
- काल – निर्धारित समय
- युग – व्यापक अर्थ में प्रयुक्त काल जैसे आधुनिक युग
- गहन – जिसे साधारण बुद्धि वाले न समझ सके
- दुरूह – जिसे करने में विशेष शक्ति, समय श्रम आदि
- पुस्तक – किसी विषय पर सामान्य रूप में लिखित विचारों के संग्रह को पुस्तक कहा जाता है।
- ग्रंथ – सुनियोजित और वैज्ञानिक ढंग से लिखा जाता है।
- चिंतनीय – जो चिंतन करने योग्य विषय
- विचारणीय – जो विचार करने- योग्य हो
- चुनाव – विशेषता के आधार पर किसी वस्तु अथवा व्यक्ति को चुनना।
- निर्वाचन – मतदान द्वारा किसी व्यक्ति का बहुमत के आधार पर चुना
- चेष्टा – किसी काम के लिए हाथ पैर हिलाना
- प्रयत्न - किसी कार्य सिद्धि के लिए लगातार की जाने वाली चेष्टा का नाम प्रयत्न
- श्रम – प्रयत्न अथवा चेष्टा से उत्पन्न शारिरिक थकान
- परिश्रम – शरीर के साथ- साथ मन की थकान
- ज़रुरी – आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए
- काफी – आवश्यकता से न अधिक और न कम
- जांच – वस्तु के गुणों ओर दोषों का सामान्य ज्ञान
- अंग – प्राणी अप्राणी सब के अंग
- अवयव – प्राणियों और वनस्पतियों के अंग
- आत्मा – प्राण का केन्द्र
- अन्तःकरण – विवेक का केंद्र
- मन – विचार का केंद्र
- चित्त – स्मृति केंद्र
- अधिवेशन – अस्थायी जमावड़ा
- बैठक – कुछ घण्टों का जमाव
- अज्ञ – अज्ञान, अबोध
- अनभिज्ञ – किसी एक बात को न जानने वाला
- अध्यक्ष – स्थायी पद
- सभापति – अस्थायी पद
- अध्ययन – सामान्य ढंग से पढ़ना
- अनुशीलन – अध्ययन के साथ मनन और चिंतन
- अनशन – स्वेच्छा से भोजन का त्याग
- उपवास – वैध अथवा डॉक्टर के निर्देश या धार्मिक अनुष्ठान के कारण भोजन न करना
- अनुग्रह – अपने से छोटे की भलाई करना
- कृपा – दया, सामान्य अर्थ
- अनुकम्पा – सहानुभूति कृपा
- दया – किसी की दयनीयता पर की गयी कृपा
- अनुरोध – विनम्रतापूर्वक आग्रह
- आग्रह – बलपूर्वक आग्रह
- प्रार्थना – विनती
- अभिनन्दन – शुभकामना एवं श्रद्धा प्रकट करना
- स्वागत – आदरणीय के आने पर सम्मान
- अर्चना – पूजा की सामग्री सहित देवसेवा
- पूजा – भावभक्ति पूर्ण देव सेवा
- अवस्था – वर्तमान उम्र
- आयु – कुल उम्र
- अस्त्र – जिसे फेंककर चलाया जाये
- शस्त्र – जिसके हाथ में पकड़कर चलाया जाये
- आधि – मानसिक रोग
- व्याधि – शारीरिक रोग
- आलोचना – पक्ष विशेष की विवेचना
- समालोचना – सांगोपांग विवेचना
- उद्यम – कार्य करते रहना
- उद्योग – निश्चित उद्देश्य पूर्ण कार्य
- औषधालय – जहां दवा रखीं हों
- चिकित्सालय – जहां चिकित्सा होती है
- करार – आपसी सहमति
- संविदा – शर्तों पर समझौता
- काल – समय
- युग – सदियों का समय
- खाल – हरा चमड़ा खाल
- चमड़ा – सूखी खाल
- खेद – गलती करने का दु:ख
- शोक – मृत्यु पर व्यक्त दु:ख
- खोज – विद्यमान पर अज्ञात की प्राप्ती
- आविष्कार – नयी विकसित वस्तु
- ग्रंथ – महत्वपूर्ण पुस्तक
- पुस्तक – सामान्य पुस्तक
- छाया – वस्तु की परछाई
- परछाई – जीवित प्राणी की छाया
- ज्ञान – जानकारी
- बोध – समझ
- टीका – अर्थ सहित व्याख्या
- भाष्य – विस्तृत विवेचना सहित व्याख्या
- तालिका – नाम व संख्या सहित सूची
- सूची – विस्तार के साथ तैयार की गई सूची
- नाप – मीटर आदि नाप
- माप – बर्तन से नापना
- निद्रा – सो जाने की अवस्था
- तन्द्रा - ऊधना या मुर्दा जैसी स्थिति
- निधन – सम्मानित लोगों की मृत्यु
- मृत्यु – सामान्य अर्थ में
- निरक्षर – जिसे अक्षर ज्ञान न हो
- अशिक्षित – किसी तरह की शिक्षा न पाया हुआ
- परामर्श – सामान्य सलाह
- मंत्राणा – गुप्तसलाह
- पारितोषिक – विजय पर मिलने वाला पुरस्कार
- प्रणाम – बड़ों को
- नमस्कार – समान उम्र वालों को अभिवादन
- नमस्ते – सभी के लिए
- प्रलाप – बकवास करना
- विलाप – दु:खमय रोदन
- प्रार्थी – प्रार्थना करने वाला
- अभ्यर्थी - कुछ पाने के लिए प्रार्थना
- भ्रम – कुछ को कुछ समझना
- भ्रान्ति – धोखा
- संदेह – वास्तविकता का निश्चय न हो पाना
- आशंका – कुछ घटने का आभास
- बहुमूल्य – अधिक कीमत
- अमूल्य – जिसकी कोई कीमत न आंकी जा सकी
- बुद्धि – निश्चयात्मक ज्ञान
- ज्ञान – सम्पूर्ण जानकारी
- भाव – मन के भीतर उठता है
- विचार – मस्तिष्क में उठता है
- भाषण – सामान्य वक्तव्य
- अभिभाषण – विद्वत्तापूर्ण वक्तव्य
- संभाषण – बातचीत
- प्रवचन – धर्म से संबंधित
- मंत्री – केन्द्र या राज्य सरकार में
- सचिव – शासकीय पद
- राजा – एक राज्य का अधिपति
- सम्राट – जिसके अधीन बहुत से राजा हों
- विषाद - निरूत्साहित होना
- व्यथा – मानसिक पीड़ा
- व़ैर - स्वाभाविक शत्रुता
- शत्रुता – दुष्टतापूर्ण वैमनस्य
- शीतल – आन्तरिक संतोष
- ठंडा – बाह्य शीतलता
- श्रद्धा – विश्वास भरा पूज्य भाव
- भक्ति – अपने इष्ट के प्रति प्रेम पूर्ण भाव
- श्रम – शारीरिक मेहनत
- परिश्रम – शारीरिक एवं मानसिक मेहनत
- सखा – साथी
- सुहृद - आन्तरिक मित्र
- अवधि – समय
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