खनिज लवण किसे कहते हैं ? mineral salts in hindi : के स्रोत, कार्य, परिभाषा, प्रकार

 खनिज लवण क्या है? (Minerals)

हमारे शरीर के निर्माण, समुचित वृद्धि एवं विकास के लिए भोजन में निश्चित मात्रा में प्रतिदिन खनिज लवण ग्रहण करना भी आवश्यक है। हमारे शरीर में पाए जाने वाले खनिज लवणों की संख्या लगभग 24 है यह अकार्बनिक पदार्थ होते हैं। जो स्वतंत्र या यौगिक के रूप में पाए जाते है। खनिज लवण, उपापचय क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। परन्तु मुख्य उपयोगी खनिज लवण कैल्शियम, मैग्नीशियम, तांबा, पोटैशियम, फास्फोरस और लोहा आदि है।

mineral salts in hindi


खनिज लवण के स्त्रोत

पत्तेदार सब्जियां,दही, दूध, अंजीर,ताजे फल आदि से प्राप्त होते हैं।

खनिज लवणों के कार्य

  • ये शरीर निर्माण में सहायक होते हैं।
  • खनिज लवण दिल की धड़कन एवं पेशी संकुचन के लिए आवश्यक होते हैं।
  • खनिज लवण कोशिश कला की पारगम्यता को प्रभावित करते हैं।
  • Ph मान तथा रूधिर दाब आदि का नियमन करते हैं।
  • विभिन्न हार्मोंन्स एवं जैव उत्प्रेरक बनाने में सहायक होते हैं।
  • शरीर का नियंत्रण रखते हैं 

खनिज लवण के प्रकार

खनिज लवणों को मात्रा के आधार पर दो प्रकार से बांटा गया है।

  1. दीर्घमात्रिक खनिज लवण (Macro minerals)
  1. लघुमात्रिक खनिज लवण (Micro minerals)

1. दीर्घमात्रिक खनिज लवण (Macro minerals)

कैल्शियम  (Ca), फॉस्फोरस  (P), गन्धक  (S), पोटैशियम  (K), क्लोरीन  (Cl), सोडियम  (Na), मैग्नीशियम  (Mg)

2.लघुमात्रिक खनिज लवण (Micro minerals)

जिक (Fn), लौह (Fe), फ्लोरीन (Zn),  आयोडीन (I),  तांबा (Cu),  मैंगनीज (Mn),  कोबाल्ट (Co),  सेलेनियम (Se),  क्रोमियम (Cr), मॉलिब्डेनम  (Mo)

1.सोडियम (Na):-

  • सोडियम, कोशिका द्रव्य में धनायन के रूप में उपस्थित होता है।
  • स्त्रोत:- सामान्य नमक, मछली, माँस, अण्डे, दूध आदि ।
  • प्रमुख कार्य- माँसपेशी में संकुचन, विद्युत अपघट्य सन्तुलन, रक्त दाब नियंत्रण, तंत्रिकीय, आवेग का संचरण ।

2. पोटेशियम (K):-

  • पोटैशियम , कोशिका द्रव्य में धनायन के रूप में उपस्थित होता है। 
  • पोटेशियम कोशिकाओं में होने वाली अतः अभिक्रिया में सहायक होता है।
  • स्त्रोत:- सब्जी ,केले,सेब तथा लगभग सभी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।
  • कार्य:- जल सन्तुलन माँसपेशी संकुचन, तंत्रिकीय आवेग संचरण, विभिन्न
  • कोशिकीय क्रियाओं का संचालन।

3. कैल्सियम (Ca):-

  • स्त्रोत:- दूध, दही, अण्डे, हरी सब्जियाँ आदि ।
  • कार्य:- विटामिन D के साथ हड्डियाँ तथा दाँतों को मजबूती प्रदान करना। रक्त का थक्का निर्माण में सहायक, इनेमल के निर्माण में सहायक, पेशी संकुचन में सहायक है।
  • कैल्शियम कमी से शरीर में ऑस्टियोपोरोसिस रोग होता है।
  • हमारे शरीर में प्रतिदिन 1.2 ग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

4. फॉस्फोरस (P):-

  • कार्बोहाइड्रेट के उपापचय प्रकिया में एवं शरीर में अम्ल व क्षार के संरचनात्मक संतुलन में सहायक होता है।
  • स्त्रोत:- दूध, सब्जियां, बाजरा, रागी, सूखे मेवे, यकृत, चावल, मूंगफली, सोयाबीन एवं पनीर आदि 
  • कार्य:- कैल्सियम के साथ मिलाकर हड्डियों तथा दाँतों को मजबूत करना। वसा के पाचन में सहायक है।

5. आयरन (Fe):

  • लाल रक्त कणिकाओं (RBC) में हीमोग्लोबिन की परिपक्वता व ऑक्सीजन का परिवहन होता है।
  • लौह कमी से रक्तक्षीणता (Anaemia) नामक रोग होता है।
  • रक्त की तीव्र कमी से कम दिखाई देना, चक्कर आना, भूख न लगना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
  • बालकों और महिलाओं में अधिकांशतः लौह तत्वों की कमी होती है जिससे शरीर में थकावट का अनुभव होता है।
  • स्त्रोत (Fe):- यकृत, वृक्क, अण्डे, माँस, बाजरा, रागी दही, सब्जियाँ, बाजरा, गुड
  • कार्य:- रक्त में Hb का निर्माण, ऊतक ऑक्सीकरण।

6. आयोडीन (I):-

  • थायराइड ग्रंथि से स्रावित थॉयराक्सिन हार्मोन (Thyroxine) के संश्लेषण के लिए आवश्यक होता है।
  • स्त्रोत:- नमक, समुद्री भोजन, हरी सब्जियाँ, जलीय, मछली,
  • जामुन, काला नमक आदि ।
  • आयोडीन की कमी से रोगः- गलगण्ड/घेंघा ।

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