थॉमसन का परमाणु मॉडल_Thomson's atomic model । jj. Thomson
Rajesh shirswaFebruary 10, 2019
0
Thomson's model of an Atom
हम सभी ने अपने जीवन में किशमिस (Raisins) का हलवे देखा होगा ? क्या आप जानते है? कि परमाणु के शुरूआती अध्ययन में एक परमाणु मॉडल की तुलना किशमिस (Raisins) के हलवे और तरबूज से भी की गई हैं। हम जिस मॉडल के बारे में बात कर रहे है, वह थॉमसन का परमाणु मॉडल है। थॉमसन के परमाणु मॉडल या थॉमसन (Thomson of atom) के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे।
History of Atom
उप परमाणुओं कणों की खोज से पहले जॉन डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के साथ आए, जहाँ उन्होंने सुझाव दिया कि परमाणु अविभाज्य (Indivisible) कण हैं। यह समझाया कि प्रत्येक परमाणु को छोटे-छोटे कणों (Particles) में विभाजित नहीं किया जा सकता हैं। जे.जे.थॉमसन पहले वैज्ञानिक जिन्होंने परमाणु संरचना के लिए मॉडल प्रस्तावित किए थे। जे.जे. थॉमसन ने वर्ष 1898 में कैथोड रे ट्यूब प्रयोग द्वारा नकारात्मक रूप से आवेशित कणों की खोज की। इन कणों का नाम इलेक्ट्रॉन नाम दिया गया था। जे.जे.थॉमसन का मानना था कि इलेक्ट्रॉन प्रोटीन की तुलना में 2000 गुना हल्का होता हैं। जे.जे. थॉमसन और रदरफोर्ड ने पहले एक्स-किरणों में हवा के आयनीकरण (Ionization) का प्रदर्शन किया।
Thomson's model of an Atom
एक परमाणु के थॉमसन मॉडल हैं। जे.जे. थॉमसन द्वारा इलेक्ट्रॉनों की खोज के ठीक कुछ वर्ष बाद 1904 में प्रस्तावित किया था। हालाँकि उस समय उपलब्ध ज्ञात गुणों के आधार पर एक मॉडल प्रस्तावित किया। परमाणुओं को न्यूट्रली चार्ज किया जाता हैं। तब इलेक्ट्रॉन नामक नकारात्मक आवेशित कण एक परमाणु में मौजूद होते हैं। परमाणु गोले के अन्दर मौजूद इलेक्ट्रॉनों (नकारात्मक रूप से आवेशित (Charged) कणों) के साथ धनात्मक (+) आवेश का एक क्षेत्र जैसा दिखाई पड़ता हैं। धनात्मक और ऋणात्मक आवेश परिमाण के बराबर हैं। और इसलिए एक परमाणु के पास कोई आवेश नहीं होता हैं। और विद्युत रूप से प्रतिबंध होता हैं। थॉमसन मॉडल को प्लम पुडिंग (Plum pudding) के नाम से भी जाना जाता हैं। मॉडल की तुलना तरबूज (watermelon) से भी की गई हैं।क्योंकि एक तरबूज में लाल खाद्य भाग की तुलना को उस क्षेत्र से की जाती हैं। जिसमें खाद्य भाग धनात्मक आवेश होता हैं। और तरबूज के भरे काले बीज का क्षेत्र इलेक्ट्रॉन के समान दिखते हैं।
Thomson's model
अब ज्ञात इलेक्ट्रॉन (Electron) व प्रोटॉन (Proton) की खोज हो चुकी थीं। परमाणु में इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन की आन्तरित संरचना को समझने के लिए मॉडल विकसित किए जा रहे थे।
परमाणु संरचना संबंधी पहला मॉडल सन् 1898 में सर जे.जे.थॉमसन ने प्रस्तुत किया था।
परमाणु आवेशित एक घनात्मक गोला होता है
परमाणु के अन्दर ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन (Negative electron) समान मात्रा में वितरित होते हैं।
थॉमसन के परमाणु मॉडल को प्लम पुडिंग मॉडल भी कहा जाता हैं।
इसे भारतीय परिप्रेक्ष्य (Perspective) में बूंदी के लड्डू या तरबूज की तरह भी समझा जा सकता हैं। तरबूज का लाल भाग धनावेश (+) की तरह तथा मध्य में लगे बीज इलेक्ट्रॉन की तरह होते हैं।
थॉमसन ने स्पष्ट किया था कि परमाणु में धनावेश तथा ऋणावेशित की मात्रा समान होती हैं।
परमाणु वैद्युतीय रूप से उदासीन होते है।
थॉमसन को भौतिकी क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार (1906) से समानित किया गया था
Please do not enter any spam link in the comments box.