Friction
घर्षण से हम भली भाँति परिचित है। यह बल दो वस्तुओं के मध्य परस्पर गति का विरोध करता है। घर्षण बल सदैव गति की दिशा के विपरीत दिशा में लगता है।हम जानते है कि खुरदरी सड़क की अपेक्षा, कांच के समान चिकनी सतह पर कोई गेंद अधिक दूरी तक चलेगी। खुरदरी सड़क की अपेक्षा डामर की सड़क पर साइकिल चलाना आसान है किन्तु घर्षण को शून्य नहीं किया जा सकता है। वायु में गतिशील वस्तुओं पर भी घर्षण कार्य करता है। अब हम दो सतहों के मध्य लगने वाले घर्षण बल निर्भरता पर विचार करेंगे।
घर्षण बल परिभाषा Friction of definition
दो वस्तुओं के संपर्क तल में एक बल गति के विपरीत दिशा में बल उत्पन्न हो जाता हैं। जो दूसरी वस्तु की गति में विरोध करता हैं। इस विरोधी बल को घर्षण बल (Friction force) कहते हैं ।
घर्षण बल सूत्र Friction of formula
घर्षण एक सतह से दूसरी ओर बढ़ने के कारण होता हैं। यह एक बल हैं। जो किसी वस्तु की गतिशील अवस्था का विरोध करता है घर्षण से ऊष्मा के रूप में यांत्रिक ऊर्जा नष्ट हो सकती हैं घर्षण के गुणांक का उपयोग दो सतहों के संपर्क के आने का वर्णन करने के लिए किया जाता हैं।घर्षण बल (F) = घर्षण का गुणांक × सामान्य बल
F = μη
जहाँ
F = बल का घर्षण
η = सामान्य बल
μ = घर्षण का गुणांक
सीमांत घर्षण (Limiting Friction )
एक ईंट को मेज पर रखकर अपनी अंगुली से इसे धकेलने का प्रयत्न कीजिए। प्रारंभ में जब बल का मान कम होता है ईंट नहीं खिसकती है, इस समय ईंट पर लगाया गया बल एवं इस पर लगा घर्षण बल दोनों आपस में संतुलन में तथा एक दूसरे के विपरीत दिशा में है। जैसे-जैसे ईंट पर हम लगाए गये बल को बढाते है, घर्षण बल भी साथ-साथ बढ़ता जाता है, और एक स्थिति में जब लगाए बल को एक सीमा से अधिक बढ़ाया जाता है ईंट खिसकने लगती है। उस बल का परिमाण जो ईंट को खिसकाने मात्र के लिये प्रर्याप्त है ( अर्थात् न इससे अधिक और न कम ) सीमांत घर्षण (Limiting Friction) कहलाता है।
जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर के धरातल पर खिसकती हुई चलती है तो दोनों धरातलों के मध्य के घर्षण को सर्पी घर्षण कहते है सर्पी घर्षण तब तक क्रिया करता है जब तक दोनों वस्तुओं को सापेक्ष गति होती है। वस्तु पर से बाह्य बल हटा लेने पर भी घर्षण बल क्रिया करता रहता है। परिणाम स्वरूप वस्तु का वेग कम होता जाता है और अंत में वस्तु विराम अवस्था में आ जाती है।
सर्पी घर्षण (Sliding Friction )
लोटनी घर्षण (Rolling Friction )
कि हम पाते है कि, इस बार ईंट को खिसकाना आसन है। रोलरो एवं पहियों पर गति करने वाली वस्तुओं की स्थिति में घर्षण को लोटनी घर्षण कहते है।दो समान प्रकार के धरातलों घर्षण का मान सर्पी घर्षण से कम होता है। अतः मशीनों में पहियों और रोलरों का उपयोग करते है।
वायु एवं द्रव में गतिशील वस्तुओं पर घर्षण (Friction on moving objects in air and fluid)
वायु एवं द्रव में गतिशील वस्तुओं पर भी घर्षण बल कार्य करता है, यह घर्षण बल ठोस सतहों की तुलना में कम होता है। उल्काएं जब अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करती है, तो इनके अधिक वेग होने से वायु के घर्षण के कारण, अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है और वे चमकने लगती है। अधिकतर पृथ्वी की सतह तक पहुँचने से पहले ही वाष्पित हो जाती है।
तेज गति से चलने वाले वाहनों,मोटर गाड़ियों,वायुयानो और अंतरिक्षयानो में वायु का घर्षण कम करने के लिए इन्हें विशेष डिजाइन का बनाया जाता है। जिससे हवा का घर्षण बल कम हो सके।
घर्षण का नियंत्रण (Control of Friction)
घर्षण सदैव दो सतहों के बीच गति का विरोध करता है। घर्षण के कारण मशीनों के गतिमान पूर्जे, घिसते रहते है और गर्म हो जाते है, जिससे इन पूर्जो की क्षति होती है। हमें वस्तु को समान वेग से चलाये रखने के लिये, घर्षण के निराकरण हेतु आवश्यक बल लगाना पड़ता है।
घर्षण को निम्न विधियों द्वारा हम कुछ सीमा तक नियंत्रित कर सकते है—
- चिकनी सतहों में घर्षण कम होता है, अतः मशीनों के गतिमान भागों को बहुत चिकने बनाकर घर्षण को कम किया जा सकता है।
- वायु के कारण घर्षण कम करने के लिये, मोटर वाहन, रेलगाड़ियों के इंजन एवं वायुयान विशेष डिजाइन के बनाए जाते है।
- लोटनी घर्षण,सर्पी घर्षण से सदैव बहुत कम होता है। अतः मशीनों में घर्षण कम करने के लिए प्रायः गतिशील पूर्जो के मध्य स्टील की गोल गेंदे लगा दी जाती है, इनको बॉल - बियरिंग कहते है। बॉल बियरिंग से घर्षण कम हो जाता है जिससे ऊर्जा एवं क्ष्रम की बचत होती है।
स्नेहक (Lubricant )
घर्षण बल कम करने के लिये कुछ विशेष प्रकार के पदार्थ भी काम में लाए जाते है, इन पदार्थों को स्नेहक कहते है। स्नेहक ठोस, द्रव या गैसीय अवस्थाओं में हो सकते है।हल्की मशीनों यथा साइकिल, घड़ियों में स्नेहक के रूप में पतले तेल का उपयोग करते है जबकि भारी मशीनों में गाढ़ा तेल या ग्रीस का उपयोग करते है। जब स्नेहक को दो गतिमान सतहों के बीच में डाला जाता है तो स्नेहक के कण उन सतहों के असमान भागों के बीच चले जाते हैं और दोनों के बीच एक पतली परत बना लेते है। गति अब इन परतो के बीच होती है अतः घर्षण कम हो जाता है। स्नेहक के रूप में संपीडित वायु का भी उपयोग करते है। मशीनों के गतिशील भागों के मध्य, उच्च दाब पर वायु प्रवाहित की जाती है, जो घर्षण बल को कम करने के साथ-साथ मशीनों के धूल कणों को जमने से रोकती है। इसी प्रकार कैरम बोर्ड पर छिड़का पाउडर भी स्नेहक का काम करता है। केरम बोर्ड खेलते समय उस पाउडर डाला जाता है।घर्षण की आवश्यकता ( Friction requirement)
यद्यपि घर्षण बल मशीनों में ऊर्जा का क्षय कर मशीनों की दक्षता कम करता है। परंतु कई स्थितियों घर्षण को बढ़ाने की आवश्यकता होती हैं। घर्षण बढ़ाने के लिए माचिस की डिब्बी व तीलियों को खुदरा बनाया जाता हैं। जिससे तालियाँ रगड़ से आसानी से जल सके। चलते समय जब हम पांव उठा कर आगे रखते हैं तो दूसरे पांव घर्षण के बल के कारण ही प्रतिक्रिया बल पीछे खिसकने से रोकता हैं। इसी प्रकार किसी वाहन आदि का पहिया जब आगे बढता है तो पहिया पीछे की ओर बल लगता हैं।घर्षण बल के कारण जो प्रतिक्रिया बल उत्पन्न होता हैं वह उस पहिये को पीछे फिसलने से रोकता हैं, जिससे पहिया लुढ़क कर आगे बढ़ता हैं यदि घर्षण बल कम हो, जैसे कभी कभी रेत या कीचड़ में होता है,तो बल लगाने पर पहिया उसी स्थान पर घूमता रहेगा। बालू मिट्टी एवं कीचड़ में प्रायः यह घटना हमको देखने को मिलती हैं। वाहनों के टायर घर्षण बढ़ाने के लिए खुरदरे बनाये जाते हैं, जिससे उनकी सड़कों पर पकड़ बढ़ जाती हैं। जो फिसलने से रोकता है।घर्षण बल के कारण ही ब्रेक लगाकर वाहन को रोका जाता हैं।
घर्षण के लाभ (Advantage of Friction)
- घर्षण हमें चलने में सहायता करता हैं। बिना घर्षण के फर्श पर हम फिसल कर गिर जाएंगे।
- सड़क पर पहिये के वाहनों को चलने एवं घूमने में घर्षण बल सहायक होता हैं। बिना घर्षण वाहनों का चलना या मुड़ना सभव नहीं हैं।
- घर्षण के कारण ही पट्टे या चैन द्वारा मोटर से मशीन को घूर्णन ऊर्जा का स्थानांतरण संभव होता हैं।
- घर्षण के कारण ही ब्रेक द्वारा वाहन को रोकना संभव होता हैं।
- किसी दीवार या लकड़ी आदि में कील या पेच घर्षण के कारण ही ठहरे रहते हैं।
- बिना घर्षण के हम पैन या पेंसिल को हाथ में पकड़ और लिख नहीं सकते हैं।
- बिना घर्षण के रस्सी में गाँठ लगाना या कपड़ा बुनना संभव नहीं होगा।
घर्षण की हानियाँ (Disadvantages of Friction)
- वाहनों के लगभग 20% ईंधन घर्षण बल के कारण अधिक व्यय होता हैं।
- घर्षण के कारण ऊर्जा की हानि होती हैं। इस कारण मशीन की दक्षता घट जाती हैं।
- घर्षण के कारण मशीनी कल-पुर्जों में घिसावट या टूट - फूट होती हैं।
- घर्षण बल के कारण मशीन की कार्य में उच्च मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न हो जाती हैं। जो मशीन की कार्य दक्षता में बाधा उत्पन्न करती हैं और उसे क्षति पहुँचाती हैं।
घर्षण बल का गणितीय रूप (Mathematical food of Friction force )
घर्षण (Friction) एक बल है जो दो तलों के बीच सापेक्षिक
स्पर्शी गति का विरोध करता है।
स्पर्शी गति का विरोध करता है।
चित्र में पिण्ड पर P न्यूटन का बल लगा कर खींचा जा रहा है। पिण्ड और तल के मध्य कार्य करने वाला घर्षण बल F पिण्ड की गति का विरोध कर रहा है।
घर्षण बल की गणना
घर्षण बल की गणना
कार्य की मूल परिभाषा =बल × उस बिंदु का बल की दिशा में विस्थापन
जहाँ बल निश्चित रूप (exactly) से कार्य कर रहा है।
जहाँ बल निश्चित रूप (exactly) से कार्य कर रहा है।
घर्षण द्वारा किया गया कार्य
वह कार्य होता है जो पृष्ठ द्वारा किसी पिण्ड को विराम अवस्था में लाने में किया जाता है। (पिण्ड की गतिज ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा या किसी और रूप में परिवर्तित हो जाती है।)
ऊपर दिए गए चित्र में घर्षण द्वारा किया गया कार्य= F×d
यह नकारात्मक होगा क्योंकि विस्थापन d की दिशा घर्षण बल F की दिशा के विपरीत है।
घर्षण के विरुद्ध किया गया कार्य
पिण्ड पर किसी गया कार्य वह होता हैं जो पिण्ड को गति प्रदान करता हैं। और घर्षण बल को कम करता हैं।
ऊपर दिए गए चित्र में घर्षण के विरुद्ध किया गया कार्य = (P-F)×d
(P-F) क्यों- P बल का कुछ भाग घर्षण बल F को संतुलित करने में लग जाता है। P बल का शेष भाग (P-F) ही पिण्ड को गति प्रदान करता है।
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