प्रकाश का परावर्तन और नियम laws of reflection of light in Hindi

प्रकाश का परावर्तन और नियम ( Laws of reflection )

जब प्रकाश की कोई किरण एक माध्यम में गमन करती हुई दूसरे माध्यम के पृष्ठ से टकराकर उसी माध्यम में एक निश्चित दिशा में चली जाती है तो यह घटना प्रकाश का परावर्तन कहलाती है।

➤परावर्तन के नियम ( Rules Of Reflection)
➤आपतन कोण ( Angle of incidence)
➤परावर्तन कोण ( Angle of reflection)
➤अभिलम्ब ( Perpendicular)
➤परावर्तन के बाद प्रकाश किरण पर प्रभाव ( Effect on ray of light after reflection)

 परावर्तन का परावर्तन और नियम  laws of reflection of light in Hindi

परावर्तन के लिये बहुधा दर्पण उपयोग में लिये जाते हैं। सामान्यतः काँच के एक पृष्ठ को सिल्वर्ड करके परावर्तक पृष्ठ बना दिया जाता हैं जो दर्पण कहलाता है।
PQ एक समतल दर्पण है। प्रकाश किरण AO दर्पण पर O बिन्दु पर आपतित हो रही है। दर्पण से टकराकर यह किरण OB दिशा में परावर्तित हो रही है। चित्र में ON दर्पण पर अभिलम्ब है। कोण AON आपतन कोण 'i' कहलाता है एवं कोण BON परावर्तन कोण 'r' कहलाता है।
एक प्रायोगिक गतिविधि द्वारा हम आपतन कोण एवं परावर्तन कोण में सम्बन्ध ज्ञात कर सकते हैं।
एक कागज के गत्ते पर एक रेखा PQ खींचे एवं उसके अभिलम्ब एक रेखा ON खींचे। अब किसी कोण 'I' पर एक रेखा AB बनाए एवं उस पर दो आलपीन लगाए। PQ रेखा पर एक समर दर्पण खड़ा करे। दर्पण में इन दो आलपीनो के प्रतिबिम्ब को देखते हुए दो अन्य आलपीन C व D इस प्रकार लगावें कि C व D तथा A  व B के प्रतिबिम्ब एक सरल रेखा में दिखाई दे। CD सरल रेखा को खींचे एवं उसे दर्पण तक विस्तारित करें। आप देखेंगे कि CD रेखा दर्पण पर O बिन्दु मिलती है।
आप देख सकते हैं कि कोण AON व DON बराबर है। यदि AB आपतित किरण है तो CD उसकी संगत परावर्तित किरण है।

आपतन कोण ( Angle of incidence) कोण AON आपतन कोण 'i' कहलाता है

परावर्तन कोण ( Angle of reflection) कोण BON परावर्तन कोण 'r' कहलाता है।

अभिलम्ब ( Perpendicular) आपतित किरण, परावर्तित किरण एवं आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही समतल में होते हैं।
        
 परावर्तन का परावर्तन और नियम  laws of reflection of light in Hindi

परावर्तन निम्न नियमों से होता है-
  1. आपतित किरण, परावर्तित किरण एवं आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही समतल में होते हैं।
  2. आपतित किरण जितना कोण अभिलम्ब के साथ बनाती है उतना ही कोण परावर्तित किरण अभिलम्ब के साथ बनाती है।
  3. किसी माध्यम का अपवर्तनांक भिन्न - भिन्न रंग के प्रकाश के लिए भिन्न - भिन्न होता है।
  4. तरंगदैर्ध्य बढ़ने के साथ अपवर्तनांक का मान कम हो जाता है अतः लाल रंग का अपवर्तनांक सबसे कम तथा बैगनी रंग का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।
  5. ताप बढ़ने पर भी सामान्यतः अपवर्तनांक घटता है। लेकिन यह परिवर्तन बहुत ही कम होता है।
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