न्यूटन के गति का तीसरा नियम Newton's Third Laws of Motion - Shirswastudy

न्यूटन की गति का तीसरा (तृतीय)  नियम (Newton's Third Laws of Motion )

न्यूटन के पहले नियम से हमें बल की गुणात्मक एवं दूसरे नियम से उसके मात्रात्मक मापन की विधि प्राप्त होती है। न्यूटन का तीसरा नियम हमें लगाए गये बलों के बारे में जानकारी देता है। इस नियम से हम दो वस्तुओं पर एक साथ लगने वाले पारस्परिक बलों के सम्बन्ध में अध्ययन करते है।

न्यूटन की गति का तीसरा (तृतीय)  नियम

न्यूटन के तृतीय नियम के अनुसार वस्तु A द्वारा वस्तु B पर लगाया गया बल, परिमाण में B द्वारा लगाये गये बल के बराबर तथा दिशा में उसके विपरीत होता है। वस्तु A द्वारा B पर लगाये गये बल को क्रिया (Action ) तथा B द्वारा A पर लगाये गये बल को प्रतिक्रिया (Reaction ) कहते है।
न्यूटन की गति का तीसरा नियम क्रिया एवं प्रतिक्रिया के सम्बन्ध को बताता है अतः इस नियम को निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है—
"प्रत्येक क्रिया के लिए समान परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है " यहां पर महत्वपूर्ण है कि क्रिया एवं प्रतिक्रिया सदैव दो भिन्न-भिन्न वस्तुओं पर कार्य करती है। न्यूटन का यह नियम सर्वव्यापक है वस्तुएँ विराम की अवस्था में हो या गतिशील वे परस्पर सम्पर्क में हो या उनके बीच कुछ दूरी  मौजूद हो यह नियम हर दशा में लागू होता है।

गति के तीसरे नियम पर आधारित कुछ उदाहरण 

  1. जब हम भूमि पर चलते है या किसी ट्राली,हाथ के ठेले को धक्का देकर खिसकाते है तो आप अपना पेशीय बल लगाते है। ध्यान दीजिए- यदि हमें आगे की ओर जाना है तो हम अपने नीचे पृथ्वी की सतह को पीछे की ओर खिसकाने या धकलने का प्रयत्न करते है और पृथ्वी हमारे पैर पर इतना ही प्रतिक्रिया के रूप में विपरीत दिशा में पांवो पर लगाती है,फलस्वरूप हम आगे की ओर चल पाते है। अब आप समझ गये होंगे कि बालू मिट्टी में तथा चिकने फर्श पर चलना कठिन क्यों होता है?
  2. पानी में तैरते समय कोई तैराक आगे बढ़ने के लिए अपने हाथों एवं पैरों से पानी को पीछे की ओर धकेलता है (बल लगाता है ) इस बल की प्रतिक्रिया ही उसे आगे की ओर धकेलती है।
  3. नाव चलाने पर पानी को पतवारों से पीछे की ओर धकेलते है, पानी नाव पर एक प्रतिक्रियात्मक बल सामने की ओर लगता है जिससे नाव आगे की ओर बढ़ जाती है।
  4. वायुयान के प्रोपेलर के बलेड वायु को पीछे की ओर फेंकते है तो वायु द्वारा लगने वाले प्रतिक्रियात्मक बल से वायुयान आगे बढ़ जाता है।
  5. जब बंदूक से गोली दागी जाती है तब गोली पर बल आगे की ओर लगता है उतना ही बल बंदूक पर विपरीत दिशा में लगता है। परंतु बन्दूक का द्रव्यमान गोली की तुलना में बहुत अधिक होने से बन्दूक पीछे की ओर बहुत कम वेग से चलती है। बन्दूक चलाने वाले के कंधे को झटका अनुभव होता है।
  6. जब रॉकेट छोड़े जाते है तब रॉकेट के पीछे भाग से गैस अत्यधिक तेज गति से निकलती है और प्रतिक्रिया के फलस्वरूप रॉकेट पर गैस निकलने की विपरीत दिशा में बल लगने के फलस्वरूप रॉकेट ऊपर उठता है। हमें यह भ्रम हो सकता है कि यदि प्रत्येक क्रियात्मक बल के विरुद्ध प्रतिक्रियात्मक बल उत्पन्न होता है, तो फिर वस्तुओं में गति कैसे होती है? ऊपर के उदाहरणों से आप भली भाँति समझ चुके है कि क्रिया तथा प्रतिक्रिया के बल के बराबर तथा विपरीत होने पर भी एक दूसरे को निष्प्रभावित नहीं कर सकते है, क्योंकि ये भिन्न-भिन्न वस्तुओं पर कार्य करते है बराबर तथा विपरीत दिशा में कार्य करने वाले बल केवल तभी एक दूसरे के प्रभाव को नष्ट कर सकते है जबकि वे एक ही वस्तु पर एक ही सरल रेखा में कार्य कर रहे है। 

  7. एक नाविक द्वारा नाव से आगे की ओर कूदता है तो नाव पर लगन वाला प्रतिक्रिया बल नाव को पीछे की ओर धकेलता है नाव पर एक प्रतिक्रियात्मक बल सामने की ओर लगता है जिससे नाविक आगे की ओर बढ़ जाता है 

उपर्युक्त उदाहरणों एवं प्रयोग के आधार हमें न्यूटन की तीसरे नियम से निम्न जानकारी प्राप्त होती है।
1. प्रत्येक दिशा की प्रतिक्रिया होती है।
2. क्रिया एवं प्रतिक्रिया के बल विपरीत एवं बराबर होते है ।
3. क्रिया और प्रतिक्रिया बल भिन्न -भिन्न वस्तुओं पर कार्य करते है।अतएव परस्पर इनका संतुलन सम्भव नहीं है।
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