Dwand Samas: द्वन्द्व समास- परिभाषा, नियम और उदाहरण [Sanskrit Grammar]

द्वन्द्व समास: परिभाषा नियम और उदाहरण (Dwand Samas in Sanskrit)


द्वन्द्व समासकी परिभाषा उभयपदार्थप्रधानो द्वन्द्वः' अर्थात् जहाँ पर दोनों पदों का अर्थ प्रधान होता है उसे द्वन्द्र समास कहते हैं। भाव यह है कि द्वन्द्व समास में दोनों पदों की प्रधानता रहती है। इस समास में
या दोनों पदों में 'च' लगता है और बाद वाले पद का लिंग होता है
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द्वन्द्व समास के प्रकार (Dwand Samas ke prakar)

 द्वन्द्व समास तीन प्रकार का होता है।

  1. इतरेतरयोग द्वन्द्व समास
  2. समाहार द्वन्द्व समास
  3. एक शेष द्वन्द्व समास


(1) इतरेतरयोग द्वन्द्व 

जहां दो से अधिक पदों का योग होता है और दो पद होने पर द्विवचन तथा दो से अधिक पद होने पर बहुवचन होता है, उसे 'इतरेतरयोग द्वन्द्व समास कहते हैं। इसमें लिंग अन्तिम पद के अनुसार होता है।
द्वन्द्व समास के उदाहरण

  • हरिश्च हरश्च = हरिहरौ (हरि और हर)
  •  धवश्च खदिरश्च = धवखदिरौ (धव और खदिर) 
  • भावश्च केशवश्च = शिव केशवौ (शिव और केशव) 
  • हरिश्च हरश्च गुरुश्च = हरिहरगुरवः (हरि, हर और गुरु) 
  • कक्कूटश्च मयूरी च = कुक्कुटमयूर्ये (कुक्कुट और मयूरी)
  • ईशश्च कृष्णश्च = ईशकृष्णौ (ईश और कृष्ण)
  • शिवश्च केशवश्च = शिवकेशवौ (शिव और केशव)

(2) समाहार द्वन्द्व

जहां पर अनेक पदों का योग होने पर समूह अर्थ प्रकट हो उसे 'समाहार' द्वन्द्व समास कहते हैं। समाहार द्वन्द्व में एकवचन और नपुंसक लिंग होता है।
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द्वन्द्व समास के उदाहरण

  • पाणी च पादौ च = पाणिपादम् (हाथ और पैर) 
  • गंगा च शोणश्च  गंगाशोणम् (गंगा और शोण)
  •  भेरी च पटहश्च = भेरीपटहम् (भेरी और पटह) 
  • बदराणि च आमलकानि च = बदरामलकम (बेर और आँवले) 
  • अहश्च रात्रिश्च = अहोरात्रम् (दिन और रात)


(क) जिन प्राणियों को परस्पर स्वाभाविक विरोध हो, वहाँ पर भी समाहार द्वन्द्व समास होता है। जैसे

  • अहिश्च नकुलश्व = अहिनकुलम् (साँप और नेवला) 
  • गौश्च व्याघ्रश्च  गोव्याघ्रम् (गाय और व्याघ्र) 
  • काकर्च उलूकश्च = काकोलूकम् (कौआ और उल्लू)

(ख) वृक्ष, मृग, तृण, धान्य, व्यञ्जन, शकुनि, पूर्वापर, अधरोत्तर आदि शब्दों का भी समाहार द्वन्द्व समास होता है।
जैसे

  • आम्रश्च निम्बाश्च = आम्रनिम्बम् (आम और नीम)
  • ब्रीहियवम् यवाश्च ब्रीहियवम् (धान और जौ)
  • दधि च घृतं च दधिघृतम् (दही और घी)
  •  कुशाश्च काशश्च = कुशकाशम् (कुश और कास) 
  • गावश्च महिषाश्च = गोमहिषम् (गाय और भैंस) 
  • शुकाश्च वकाश्च = शुकवकम् (शुक और बगुला)
  • अश्वश्च वडवा च = अश्ववड़वम् (घोड़ा और घोड़ी)


 (3) एकशेष द्वन्द्व

जहाँ पर दो या दो से अधिक पदों में समास करने पर केवल शेष रहे उसे एकशेष द्वद्व समास कहते हैं।
द्वन्द्व समास के उदाहरण

  • रामश्च रामश्च = रामौ 
  • माता च पिता च = पितरौ (माता और पिता)
  •  स्वसा च भ्राता च = भ्रातरौ (भाई-बहन)
  •  हंसी च हंसश्च = हंसौ (हंसी और हंस) 
  • पुत्री च पुत्रश्च = पुत्रौ (पुत्र और पुत्री) 


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