द्वन्द्व समास (Dvandv Samas)
जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हों तथा प्रत्येक दो पदों के बीच और, एवं, तथा, या, अथवा में से किसी एक का लोप पाया जाये उसे द्वन्द्व समास कहते हैं।पहचान
- द्वन्द्व समास के समस्त पद में दोनों पद योजक चिह्न से जुड़े रहते हैं।
- दोनों पद प्रधान होते हैं।
- प्रत्येक दो पदों के बीच और, एवं, तथा, या, अथवा में से किसी एक का लोप पाया जाते है।
- विग्रह करने पर दोनों शब्दों के ‘बीच' 'अथवा' 'या' आदि शब्द लिख दिए जाते हैं।
द्वन्द्व समास के भेद या प्रकार
द्वन्द्व समास के तीन उपभेद माने जाते हैं।
- इतरेतर द्वन्द्व समास
- समाहार द्वन्द्व समास
- विकल्पक द्वन्द्व समास
(1) इतरेतर द्वन्द्व समास
इतरेतर द्वन्द्व समास में सभी पद प्रधान होते हैं। और प्रत्येक दो पदों के बीच 'और' का लोप पाया जाता है।
उदाहरण
- सुरासर – सुर और असुर
- कृष्णार्जुन – कृष्ण और अर्जुन
- सीताराम – सीता और राम
- तिरसठ – तीन और साठ
- हरिहर – हरि और हर
- माता-पिता – माता और पिता
- लोटा-डोरी – लोटा और डोरी
- लव-कुश – लव और कुश
- तन-मन – तन और मन
- शास्त्रास्त्र – शस्त्र और अस्त्र
- जलवायु – जल और वायु
- धनुर्बाण – धनुष और बाण
- ज्ञान-विज्ञान – ज्ञान और विज्ञान
नोट इतरेतर द्वन्द्व समास में ऐसे संख्यावाची शब्दों का प्रयोग होता है
1 से 10 तथा 10 से भाज्य संख्याओं (10,20,30,40,50,60,70,80,90,100) को छोड़कर अन्य समस्त संख्यावाची शब्दों में से द्वन्द्व समास माना जाता है क्योंकि इनमें दो संख्याओं का मेल रहता है।
उदाहरण
- पच्चीस – पांच और बीस
- अड़सठ – आठ और साठ
- इक्यानवे – एक और नब्बे
- इकतालीस – एक और चालीस
(2) समाहार द्वन्द्व समास
जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हो और दोनों पद बहुवचन में प्रयुक्त हो, उसे समाहार द्वन्द्व समास कहते हैं। इसके विग्रह के अंत में 'आदि' शब्द का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण
- दाल-रोटी – दाल, रोटी आदि
- चाय-पानी – चाय, पानी आदि
- फल-फूल – फल, फूल आदि
- कपड़ा-लत्ता – कपड़ा, लत्ता आदि
- साग-पात – साग पात आदि
- हाथ-पैर – हाथ पैर आदि
- पेड़-पौधे – पेड़ पौधे आदि
- धन-दौलत – धन दौलत आदि
- हाथ-पांव – हाथ पांव आदि
- आगा-पीछा – आगा पीछा आदि
(3) विकल्पक द्वन्द्व समास
जिस समस्त पद में दो विरोधी शब्दों का प्रयोग हो और प्रत्येक दो पदों के बीच या अथवा में से किसी एक का लोप पाया जाये, उसे विकल्प द्वन्द्व समास कहते हैं।
उदाहरण
- दो-चार – दो या चार
- कर्त्तव्याकर्त्तव्य – कर्त्तव्य या अकर्त्तव्य
- लाभालाभ – लाभ या अलाभ
- सुरासुर – सुर या असुर
- शीतोष्ण – शीत या ऊष्ण
- भला-बुरा – भला या बुरा
- धर्मा-धर्मा – धर्म या अधर्म
- आजकल – आज या कल
- ऊंच-नीच – ऊंच या नीच
- जीवन-मरण – जीवन या मरण
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