Gender लिंग (Ling) हिंदी का परिचय
लिंग Gender |
शब्द रूपांतरण की परिभाषा विकारी ( संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया) में विकार उत्पन्न करने वाले कारकों को विकारक कहते हैं। लिंग, वचन, का काल, तथा वाच्य से शब्द के रूप परिवर्तन होते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से लिंग (Type of Gender) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
लिंग की परिभाषा ( Definition Gender in Hindi)
जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता है।उसे लिंग कहते हैं।
हिंदी में लिंग (Type of Gender in Hindi)
हिन्दी भाषा में लिंग दो प्रकार के होते हैं–
- पुल्लिंग (MasculineGender)
- स्त्रीलिंग (Feminine Gender)
नोट:- नंपुसकलिंग हिंदी में नहीं होता है बल्कि संस्कृत में लिंग का भेद होता है।
- पुल्लिंग (Masculine Gender)
जिसके द्वारा किसी
विकारी शब्द की पुरुष जाति का बोध होता है, उसे पुल्लिंग कहते हैं।
पुल्लिंग उदाहरण (Masculine Gender exmple ) – पुरुष, सिंह, घर, फुल, वृक्ष,गोविन्द, अध्यापक, मेरा, काला, जाता।
2. स्त्रीलिंग (Feminine Gender)
जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द की स्त्री जाति का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग
कहते हैं।
स्त्रीलिंग उदाहरण (Feminine Gender exmple ) – स्त्री,गाय, बालिका,सीता, अध्यापिका, मेरी, काली, जाती।
लिंग की पहचान : (Gender in Hindi)
लिंग की पहचान
शब्दों के व्यवहार से होती है। कुछ शब्द सदा पुल्लिग रहते हैं तो कुछ शब्द सदा स्त्रीलिंग।कुछ
शब्द परम्परा के कारण पुल्लिग या स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होते हैं।
संज्ञा के रूप में लिंग दो प्रकार के होते हैं
1.
पुल्लिंग संज्ञा शब्दों की पहचान
(i)
प्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाएँ : पुरुष, आदमी,मनुष्य, लड़का, शेर, चीता, हाथी, कुत्ता,
घोड़ा, बैल, बन्दर, पशु, खरगोश, गैण्डा, मेंढ़क, साँप, मच्छर, तोता, बाज, मोर, कबूतर,
कौवा, उल्लू, खटमल, कछुआ।
(ii)
अप्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाएँ :
पुल्लिंग (Feminine Gender in Hindi)
निम्न
संज्ञाएँ सदैव पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती हैं।
- पर्वतों के नाम : हिमालय, विन्ध्याचल, अरावली, कैलास, आल्पस,
- महीनों के नाम : भारतीय महीनों तथा अंग्रेजी महीनों के नाम जैसे - चैत, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, वैशाख, श्रावण, जनवरी, फरवरी,मार्च,
- दिन या वारों के नाम : सोमवार, मंगलवार,
बुधवार,
गुरुवार, शुक्रवार,शनिवार।
- देशों के नाम : भारत, अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, इण्डोनेशिया, (अपवाद) श्रीलंका (स्त्रीलिंग)
- ग्रहों के नाम : सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, शुक्र, राहु, केतु, अरुण, वरुण, यम, अपवाद (पृथ्वी )
- धातुओं के नाम : सोना, ताम्बा, पीतल, लोहा, अपवाद (चाँदी)
- वृक्षों के नाम : नीम, बरगद, बबूल, आम, पीपल, अशोक, अपवाद (इमली)
- अनाजों के नाम : चावल, गेहूँ, बाजरा, जौ, अपवाद
(मक्की,ज्वार, मूंग, अरहर - स्त्रीलिंग)
- द्रव्यपदार्थ के नाम : तेल घी, दूध, मक्खन, पानी अपवाद ( लस्सी, चाय, कॉफी, चटनी)
- समय सुचक नाम : - समय,काल,वक्त,क्षण, सेकंड मिनट घंटा दिन, सप्ताह, पक्ष, माहअपवाद (रात,सायं, संध्या, दोपहर, तिथि,सदी, शताब्दी)
- वर्ण माला के वर्ण :- स्वर तथा क से ह तक व्यंजन अपवाद (इ, ई, ऋ - स्त्रीलिंग )
- समुद्रों के नाम: हिंद महासागर प्रशांत महासागर
- मूल्यवानप पत्थर : रत्नों के नाम हीरा, पुखराज, नीलम, पन्ना, मोती, माणिक्य,अपवाद (मणि, लाल - स्त्रीलिंग)
- शरीर के अंगों के नाम : सिर, बाल, नाक, कान, दांत, गाल, हाथ, पैर, ओंठ, मुंह अपवाद ( आंख,गर्दन, जीभ, अंगुली स्त्रीलिंग )
- भाववाचक संज्ञाओं में से जिनके अन्त में ना, आव, पन, त्व जुड़े हो
पन:- छुटपन, बचपन, लड़कपन, अपनापन, बड़प्पन।
आपा:- मुटापा, बुढ़ापा, रंडापा।
त्व :- महत्व, तत्त्व, मनुजज्व, नरत्व,मनुष्यत्व।
- देवताओं के नाम : इन्द्र,यम, वरूण, ब्रह्मा, विष्णु, महेश,
- ख,ज,न,त्र के अन्त वाले शब्द।
स्त्रीलिंग (Feminine Gender in Hindi)
- तिथियों के नाम : प्रथमा, द्वितीया, तृतीया,एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा
- भाषाओं के नाम : हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, जापानी, मलयालम
- लिपियों के नाम : देवनागरी, रोमन, गुरुमुखी, अरबी, फारसी
- बोलियों के नाम : ब्रज, भोजपुरी, हरियाणवी, अवधी।
- नदियों के नाम : गंगा, गोदावरी, व्यास, ब्रह्मपुत्र।
- नक्षत्रों के नाम : रोहिणी, अश्विनी, भरणी।
- देवियों के नाम : दुर्गा, रमा, उमा।
- महिलाओं के नाम : आशा, शबनम, रजिया, सीता।
- लताओं के नाम : अमरबेल, मालती, तोरई।
- आ, आई, आइन, आनी, आवट, आहट, इया, ई, त, ता, ति, आदि
- छात्रा, मिठाई, ठकुराइन, नौकरानी, सजावट, घबराहट,गुड़िया, गरीबी, ताकत, मानवता नीति
लिंग परिवर्तन
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम
शब्दान्त 'अ' को 'आ' मेंबदलकर
छात्र– छात्रा
पूज्य– पूज्या
सुत–सुता
वृद्ध– वृद्धा
भवदीय– भवदीया
अनुज– अनुजा
शब्दान्त 'अ' को 'ई' में बदलकर
देव– देवी
पुत्र– पुत्री
गोप– गोपी
ब्राह्मण– ब्राह्मणी
मेंढ़क– मेंढ़की
दास– दासी
शब्दान्त
'आ' को 'ई' मेंबदलकर
नाना-नानी
लड़का-लड़की
घोड़ा – घोड़ी
बेटा-बेटी
रस्सा– रस्सी
चाचा-चाची
शब्दान्त
'आ' को 'इया' मेंबदलकर
बूढ़ा-बुढ़िया
चूहा-चुहिया
कुत्ता-कुतिया
डिब्बा-डिबिया
बेटा-बिटिया
लोटा-लुटिया
शब्दान्त प्रत्यय 'अक' को 'इका' में बदलकर
बालक-बालिका
लेखक-लेखिका
नायक-नायिका
पाठक-पाठिका
गायक-गायिका
विधायक-विधायिका
शब्दान्त प्रत्यय 'आनी' लगाकर
देवर-देवरानी
चौधरी-चौधरानी
सेठ-सेठानी
भव-भवानी
जेठ-जेठानी
'नी'
प्रत्यय लगाकर
शेर-शेरनी
मोर-मोरनी
जाट-जाटनी
सिंह-सिंहनी
ऊँट-ऊँटनी
भील-भीलनी
शब्दान्त में
'ई' केस्थानपर 'इनी'-लगाकर
हाथी-हथिनी
तपस्वी-तपस्विनी
स्वामी-स्वामिनी
'इन'
प्रत्ययलगाकर
माली-मालिन
चमार-चमारिन
धोबी-धोबिन
नाई-नाइन
कुम्हार-कुम्हारिन
सुनार-सुनारिन
'आइन'
प्रत्ययलगाकर
चौधरी– चौधराइन
ठाकुर– ठकुराइन
मुंशी- मुंशियाइन
शब्दान्त 'वान' के स्थान 'वती लगाकर
गुणवान-गुणवती
पुत्रवान-पुत्रवती
भगवान-भगवती
बलवान-बलवती
भाग्यवान-भाग्यवती,
सत्यवान-सत्यवती
शब्दान्त
'मान' के स्थान पर 'मती' लगाकर
श्रीमान्–श्रीमती
बुद्धिमान्-बुद्धिमती
आयुष्मान्-आयुष्मती
शब्दान्त 'ता' के स्थान पर 'त्री' लगाकर
कर्ता-कर्त्री
नेता-नेत्री
दाता-दात्री
शब्द के पूर्व 'मादा' शब्द लगाकर
खरगोश-मादा खरगोश
भेड़िया-मादा भेड़िया
भालू-मादा भालू
भिन्न रुप वाले शब्द
कवि-कवयित्री
वर-वधू
विद्वान-विदुषी
वीर-वीरांगना
मर्द-औरत
साधु-साध्यी
दुल्हा-दुल्हन
नर-नारी
बैल-गाय
राजा-रानी
पुरुष-स्त्री
भाई-भाभी/बहिन
बादशाह-बेगम
युवक-युवती
ससुर-सास
विशेष नियम
- कुछ पेड़ों व खेती संबंधित नाम पुलिंग तथा स्त्रीलिंग होते हैं
पुलिंग :- वृृृृक्ष कटहल, फणस, फालसा, पपीता, कमरख, कीकर, नींबू, बिल्व, जामुन, शहसूत, नारियल, चकोतरा, माल्टा, बिजौरा, तेंदू, आबनूस, चन्दन, ताड़, पौंधा, पेड़, अंकुर, बाग, उद्यान, खेत, बन।
स्त्रीलिंग :- खजूर, नाशपाती, खिरनी, लीची, इमली, बीही, अमलतास, मौसमी, झड़बेरी, खूबानी, चमेली, अंजीर, जुही, नरगिस, कलम, लता, पनीरी, जड़, बगीची, खेत, बगिया, बुवाई, गुड़ाई
- कुछ बर्तनों तथा रसोई संबंधी वस्तुओं के नाम पुल्लिंग और कुछ के स्त्रीलिंग होते हैं।
पुल्लिंग :- टब, पतीला, कटोरा, चूल्हा, चमचा, स्टोव, चाकू, कप, थाल, तवा, नल, कोल्हू, चक्की।
स्त्रीलिंग:- छुरी, भट्ठी, कड़ाही, कड़छी, अंगीठी, बाल्टी, देगची, कटोरी, प्लेट, थाली, चलनी, चक्की।
- कुछ गहनों के नाम पुल्लिंग तथा कुछ के स्त्रीलिंग होते हैं।
पुल्लिंग :- कंगन, कड़ा, कुण्डल, गजरा, झूमर, बाजूबंद, हार, कॉटे, झुमका, टीका, शीषफूल, आभूषण।
स्त्रीलिंग :- आरसी, नथ, लौग, माला, बाली, तगड़ी, झालर, चुड़ी, बिंदिया, पायल, अंगूठी, मुद्रिका, टिकली।
- सब्जियों के नाम पुल्लिंग तथा हैं।
पुल्लिंग शब्द :- शलगम, अदरक, टमाटर, बैगन, पुदीना, मटर,प्याज, लहुसन, धनिया,टींडा,पेठा,खीरा,करेला, आलू आदि
स्त्रीलिंगशब्द:- भिंडी, तुरई,घीया, तोरी, मूली, गाजर, पालक, मेथी, सरसों, फलियां, फराज़बीन, अरबी, शकरकंदी, बन्दगोभी, फूलगोभी
- विशेष: तारा, देवता, व्यक्ति, आदि शब्द संस्कृत में स्त्रीलिंग होते हैं किन्तु हिंदी में पुल्लिंग होते हैं
- आत्मा, बूंद, देह, बाहू आदि शब्द संस्कृत मेंपु
- संस्कृत में 'इमा' प्रत्यान्तक शब्द वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं किन्तु हिंदी में ये तत्सम शब्द होते हुए भी स्त्रीलिंग है। जैसे :- महिमा, गरिमा, लघिमा, सीमा
- 'अ' प्रत्याक शब्द विजय, पराजय, संस्कृत में पुल्लिंग होते हैं किन्तु हिन्दी में स्त्रीलिंग।
- कृत और तद्धित प्रत्ययों से बने विशेषण या कर्तृवाच्य शब्द स्त्रीलिंग या पुल्लिंग शब्द के साथ यथावत ही प्रयुक्त होते हैं। जैसे आकर्षक, दृश्यया, घटना। देदीप्यमान – प्रकाश या ज्योति। परिचित - पुरुष या महिला।धार्मिक - संगठन या संस्थान धर्मज्ञ - पुरुष या नारी
- सर्वनाम में लिंग के आधार पर कोई परिवर्तन नहीं होताहै।
- निम्न पदवाची शब्दों में भी लिंग परिवर्तन नहीं होता। जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, मंत्री, डॉक्टर, मैनेजर, प्रिसिपल, क्लर्क, तैराक।
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