काल (Tense) के प्रकार : वर्तमान काल (Vartaman Kal)
काल की परिभाषा :- क्रिया के होने वाले समय को काल कहते हैं अर्थात् क्रिया के जिस रुप से कार्य संपन्न होने के समय का बोध हो उसे काल कहते हैं।
इस पोस्ट में वर्तमान काल के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
काल के प्रकार
काल तीन प्रकार के होते हैं।
- वर्तमान काल (Past Tense)
- भविष्य काल (Future Tense)
- भूतकाल (Present Tense)
वर्तमान काल (Present Tense)
वर्तमान काल की परिभाषा:- क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में कार्य के करने या होने का बोध हो उसे, वर्तमान काल कहते हैं
जैसे
- पूजा पूजा करती है।
- सचिन विराट के साथ क्रिकेट खेल रहा है।
- वह नाचती होगी।
- नौकर आया हो
- राजेश, अब तू पढ़। मनोज, तुम भी पढ़ो।
वर्तमान काल के भेद
वर्तमान काल के पांच भेद हैं।
- सामान्य वर्तमान
- अपूर्व वर्तमान
- संदिग्ध वर्तमान
- संभाव्य वर्तमान
- आज्ञार्थ वर्तमान
1. सामान्य वर्तमान :- क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में किसी कार्य के सामान्य रूप से होने का बोध हो उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं।
पहचान:- ता है, थी है, ते हैं, ता हूं
जैसे
- अंकित पुस्तक पढ़ता है।
- गरिमा गाना गाती है।
- वर्षा शोर करती है।
- मैं आपको हिंदी पढ़ाता हूं।
- बलराम बाजार जाता है।
- मैं पत्र लिखता हूं
2. अपूर्व वर्तमान :- क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में किसी कार्य के निरंतर होने का बोध हो उसे, पूर्ण वर्तमानकाल कहते हैं
पहचान :- रहा है, रही है, रहे हैं, रहा हूं
- जैसे
- सरोज गीत गा रही है।
- मोर छत पर नाच रहा है।
- तमन्ना सो रही है।
- विनेश खेल रही है।
- विवेक पड़ रहा है।
3. संदिग्ध वर्तमान :- क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में किसी कार्य के होने में संडे का बोध हो उसे, संदिग्ध वर्तमानकाल कहते हैं
पहचान :- ता होगा, ती होगी, ते होंगे, रहा होगा, रही होगी, रहें होंगे
जैसे
- अभय खेत में काम करता होगा।
- यह फिल्म देख रहे।
- होंगे श्याम पत्थर लिखता।
- होगा योगेश खाता होगा।
- मोनिका प्रतीक्षा करती होगी।
- मनोज अभी आता होगा।
- दीपक अखबार पड़ता होगा।
4. संभाव्य वर्तमानकाल :- क्रिया के जिस रूप से वर्तमान समय में कार्य पूरा होने की संभावना हो उसे, संभाव्य वर्तमानकाल कहते हैं।
पहचान :- ता हो, ती हो, या हो, ई हो
जैसे
- कोई हमारी बात नहीं सुनता हो।
- शायद पिताजी आए हो।
- शायद रमेश आया हूं।
- मुझे डर है कि कोई हमारी बात नहीं सुनता हो।
- शायद वह लौटा हो।
5. आज्ञार्थ वर्तमानकाल :- क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में कार्य करने की आज्ञा का बोध हो उसे, आज्ञार्थ वर्तमानकाल कहते हैं।
पहचान :- वर्तमान समय में आज्ञा होना
जैसे
- आप भी पढ़िए।
- अंकित तू जा।
- प्रदीप, पानी लेकर आओ।
- राधा, तू नाच।
Mujhe padkar bhut acch laga������������
ReplyDeleteYah bhot helpful answer ha
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