काल (Tense) के प्रकार : भविष्य काल (Bhavishy Kal)
काल की परिभाषा :- क्रिया के होने वाले समय को काल कहते हैं अर्थात् क्रिया के जिस रुप से कार्य संपन्न होने के समय का बोध हो उसे काल कहते हैं।
इस पोस्ट में भविष्य काल के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
काल के प्रकार
काल तीन प्रकार के होते हैं।
- भविष्य काल (Future Tense)
- वर्तमान काल (Past Tense)
- भूतकाल (Present Tense
भविष्यत् काल ( Bhavishy kal)
क्रिया के जिस रुप से आने वाले समय में कार्य के करने या होने का बोध हो उसे, भविष्य काल कहते हैं।
- जैसे
- वह घर जाएगा।
- अब वह क्या करे।
- आप हमारे घर पधारिएगा।
भविष्य काल के भेद (Bhavishya kal ke parkar)
भविष्य काल तीन प्रकार के होते हैं
- सामान्य भविष्यत् काल
- संभाव्य भविष्यत् काल
- आज्ञार्थ भविष्यत् काल
1. सामान्य भविष्यत् काल :- क्रिया के जिस रुप से आने वाले समय में किसी कार्य के सामान्य रूप से होने का बोध हो उसे, सामान्य भविष्य काल कहते हैं।
पहचान :- एगा, एगी, ऐगे, ऊंगा
जैसे
- लीला नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेंगी
- मौनू विद्यालय जायेगा।
- नेता जी भाषण देंगे।
- मदारी बंदर का नाच दिखाएगा।
- अर्जिता गाना गायेगी।
- सुमन जायेगी।
- वह मुझे पत्र अवश्य लिखेंगी
2. संभाव्य भविष्यत् काल :- क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में किसी कार्य के होने की संभावना अथवा संदेह हो उसे, संभाव्य भविष्य काल कहते हैं।
पहचान :- ए, ऐं, उं, ओ
जैसे
- कदाचित् आज भूपेंद्र आए।
- वे शायद जयपुर आज आए।
- शायद कल मामा जी आए।
- हो सकता है चुनाव फिर से हो।
- संभवतः कल विद्यालय बंद रहे।
- वह शायद 'कम्पयूटर सेन्टर' जाए
- वे शायद भरतपुर जाएं।
3. आज्ञार्थ भविष्यत् काल :- क्रिया के जिस रुप से आने वाले समय में कार्य पूरा करने की आज्ञा का बोध हो उसे, आज्ञार्थ तक भविष्य काल कहते हैं।
पहचान :- इएगा
जैसे
- आप वहां अवश्य जाइएगा।
- आप हमारे घर पधारिएगा।
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