संश्लेषित रेशे (Synthetic fibers)
कुछ रेशे मनुष्य द्वारा विभिन्न रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा बनाए जाते हैं। जिन्हें कृत्रिम रेशे या संश्लेषित रेशे कहते हैं।
संश्लेषित रेशे क्या है? (what are the synthetic fibers)
संश्लेषित रेशे या कृत्रिम रेशे को मानव निर्मित रेशे भी कहा जाता है। क्योंकि इन्हें मनुष्यों द्वारा बनाया जाता है। संश्लेषित रेशे बहुलक कहलाते हैं।
संश्लेषित रेशे उदाहरण (synthetic fibers examples) :- नायलॉन, रेयॉन, पॉलिएस्टर आदि
बहुलक क्या है? – बहुलक को अंग्रेजी में पॉलीमर कहते हैं जो ग्रीक शब्द पॉली (Poly) तथा मर (Mer)से मिलकर बना है जहां पॉली से तात्पर्य ‘अनेक’ तथा मर से तात्पर्य ‘इकाई’ से होता है। अर्थात छोटी-छोटी इकाइयों के दोहराने से बनी संरचना को बहुलक अथवा पॉलीमर कहते हैं। संश्लेषित रेशे भी बहुलक है जिसमें प्रत्येक छोटी इकाई एक रासायनिक पदार्थ होती है।
बहुलक प्रकृति में भी पाये जाते हैं। उदाहरण के लिए कपास एक बहुलक है जो सेलुलोज कहलाता है। सेलुलोज की बड़ी इकाई ग्लूकोज से निर्मित होती है।
संश्लेषित रेशों के प्रकार एवं गुणधर्म (Synthetic fibers types)
रेयॉन (Rayon)
- रेयॉन को कृत्रिम रेशम भी कहते हैं।
- काष्ठ लुगदी के उपयोग से रेयॉन का निर्माण किया जाता है।
- यह रेशा प्रकृति से प्राप्त उच्च बहुलक सेल्युलोज से रासायनिक अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता है।
- सेल्युलोज को शुद्ध करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड और कार्बन डाइसल्फाइड से मिश्रित कर, गाढ़ा द्रव बनाया जाता है जिसे ‘विस्कोस’ कहते हैं।
- विस्कोस को सूक्ष्म छिद्रों से तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से प्रवाहित कर ये रेशे प्राप्त किए जाते हैं।
- रेयॉन प्राकृतिक रेशम के समान ही होता है।
- यह प्राकृतिक रेशम से सस्ता होता है। इसे आसानी से बुना जा सकता है
- रेयॉन को कपास के साथ बिस्तर की बनाई जाती है
- रेयॉन को ऊन के साथ मिलकर कालीन या गलीचा बनाते हैं।
नाइलॉन (Nylon)
- इसका निर्माण कोयला,जल और वायु से किया गया है यह प्रथम पूर्ण रूप से संश्लेषित रेशा था।
- नाइलॉन को ऐडिपिक अम्ल और हेक्सामेथिलीन डाइएमीन से मिलकर बनाया जाता है।
- यह पूर्ण रूप से संश्लेषित रेशा (कृत्रिम) है। अर्थात पूर्ण रूप से मानव निर्मित रेशा है।
नाइलॉन के विशिष्ट गुण (Characteristics of nylon)
- नाइलॉन रेशा प्रबल,प्रत्यास्थ और हल्का होता है, यह चमकीला और आसानी से साफ हो जाता है इसलिए कपड़ों के निर्माण में अधिक उपयोगी है।
- नाइलॉन की मजबूती के कारण इससे पैराशूट और चट्टानों पर चढ़ने हेतु रस्से बनाए जाते हैं।
- दैनिक जीवन में उपयोगी में आने वाली वस्तु जैसे – जुराब, दांत साफ करने के ब्रश, तंबू, स्लीपिंग बैग, पर्दे
- नाइलॉन का तार, इस्पात के तार से अधिक प्रबल होता है।
आरलॉन (Arlon)
- यह ऐसीटोनाइट्राइल के बहुलकीकरण से प्राप्त किया जाता है
- इसका उपयोग रेशा ऊ के समान होता है।
डेकरॉन (पॉलिएस्टर) Dacron (polyester)
- यह रेशा एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरीफ्थैलिक अम्ल के बहुलकीकरण की अभिक्रिया से प्राप्त किया जाता है। इसे पॉलिएस्टर भी कहते हैं।
- पॉलिएस्टर (पॉलि + एस्टर) एक रसायन है जो एस्टर कहलाता है, की इकाइयों की पुनरावृत्ति से मिलकर बना होता है। एस्टर वो रसायन है जो फलों को गन्ध प्रदान करते हैं। इनसे निर्मित कपड़े पॉलिकॉट, पॉलिवुल और टेरीकॉट के नाम से बचें जाते हैं।
- पॉलिकॉटक निर्माण पॉलिएस्टर और कपास के रेशों से मिलकर बना होता है।
- पॉलिवुल का निर्माण पॉलिएस्टर और ऊन के रेशों के मिश्रण का बना होता है।
- प्राकृतिक रुप से ऊन की तरह दिखाई देने वाले सर्दियों के वस्त्र वास्तविक रूप से संश्लेषित रेशे के बनें होते हैं जिन्हें एक्रेलिक कहलाता है।
- सभी संश्लेषित रेशे पेट्रोलियम मूल के कच्चे माल से बने जिन्हें पेट्रोरसायन कहते हैं।
डेकरॉन (पॉलिएस्टर) के विशिष्ट गुण
- यह सपाट रहता है और आसानी से धुल जाता है।
- डेकरॉन से बने कपड़ों में सलवटें नहीं पड़ती है। यह सपाट रहता है। और सरलतापूर्वक धुल जाता है।
- टेरीलीन एक लोकप्रिय पॉलिएस्टर हैं।
- पेट (PET) ( पॉली एथीलीन टरथेलेट ) बहुत सुपरिचित पॉलिएस्टर है। इसका उपयोग बोतल, बर्तन फिल्म,तार इत्यादि।
संश्लेषित रेशे के गुण (properties of synthetic fibers)
- सूती कपड़े पर सिकुड़न दिखाई देती है परन्तु नायलॉन, पॉलिएस्टर (डेकरॉन) और रेयॉन के टुकड़े पर सलवटें नहीं पड़ती है।
- संश्लेषित रेशों को धोने पर इन कपड़ों का धागा सिकुड़ता नहीं है जिससे बार बार इस्तरी नहीं करनी पड़ती हैं
- नायलॉनन, पॉलिएस्टर (डेकरॉन) और रेयॉन से बने धागे को सूती धागे की तुलना में खींचना कठिन होता है। और ये अधिक सामर्थ्य (मजबूत) होते हैं। इसलिए लम्बे समय तक काम आते हैं।
- नायलॉन, पॉलिएस्टर (डेकरॉन) और टेरीलीन के कपड़े सूती कपड़े की तुलना में जल्दी सूख जाते हैं। अर्थात संश्लेषित धागे पानी को कम सोखते है जिससे जल्दी सूख जाते हैं।
- संश्लेषित धागा अधिक चमकदार एवं मूलायम होता है। इन धागों से बने कपड़ों में कीड़ा नहीं लगता है।
- संश्लेषित रेशों का उपयोग सरल एवं कम खर्चीला है। इनकी देखभाल कम करनी पड़ती है।
संश्लेषित रेशों की हानि (loss of synthetic fibers)
- नायलॉनन, पॉलिएस्टर (डेकरॉन) और रेयॉन के टुकड़े तेजी से आग पकड़ लेते हैं।
- संश्लेषित रेशों से बनें कपड़े प्राकृतिक रेशों की तरह पसीना नहीं सोखते है।
- ये गर्मियों में शरीर से चिपकते है।
- प्राकृतिक एवं कृत्रिम धागों को मिश्रित करके वस्त्र बनाए जाते हैं, उन्हें टेरीकॉट कहते हैं।
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