काल की परिभाषा, भेद और उदाहरण। Tense in Hindi। Hindi Grammar

काल (KAL) की परिभाषा, प्रकार, भेद और उदाहरण 

क्रिया के होने वाले समय को काल कहते हैं अर्थात् क्रिया के जिस रुप से कार्य संपन्न होने के समय का बोध हो उसे काल कहते हैं।
जैसे
  • राहुल खेल रहा है।
  • राहुल खेल रहा था।
  • राहुल खेलेगा।
पहले वाक्य में क्रिया वर्तमान समय में हो रही है दूसरे वाक्य में क्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी थी तथा तीसरे वाक्य की क्रिया आने वाले समय में होगी
काल  की परिभाषा, भेद और उदाहरण। Tense in Hindi। Hindi Grammar - Shirswastudy

काल के प्रकार ( kal ke parkar)

काल तीन प्रकार के होते हैं।
भूतकाल क्रिया के जिस रुप से बीते हुए समय में कार्य होने का बोध हो उसे भूतकाल कहते हैं। अर्थात् क्रिया की समाप्ति

भूतकाल के भेद

सामान्यतःभूतकाल के छः भेद है।

  1. सामान्य भूतकाल (Simple past)
  2. आसन्न भूतकाल (Recent past)
  3. पूर्ण भूतकाल (Complete past)
  4. अपूर्व भूतकाल (Incomplete past)
  5. संदिग्ध भूतकाल ( Doubtful past)
  6. हेतुहेतुमद् भूतकाल (Conditional past)

सामान्य भूतकाल (Simple past)

क्रिया के जिस रुप से बीते हुए समय में कार्य पूरा होने के समय का विशेष ज्ञान में हो अर्थात क्रिया समाप्त हुए थोड़ी देर हुई है या अधिक समय इसमें ठीक समय का ज्ञान नहीं होता हैं।
जैसे 
  • कुसुम घर गयी।
  • आर्यन ने गाना गाया ।
  • रिंकु गया
  • भारत ने जंग जीती।
  • प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाषण दिया।

आसन्न भूतकाल (Recent past) :- क्रिया के जिस रुप से कुछ समय पूर्व कार्य समाप्त होने का बोध हो या तुरंत समाप्त होने का का बोध हो उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं।
नोट :- आ है, या है, ए है, ई है।
जैसे
  • कुसुम घर गयी है।
  • आर्यन ने गाना गाया है। 

पूर्ण भूतकाल (Complete past) क्रिया के जिस रुप से बहुत समय पहले कार्य समाप्त होने का बोध हो उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं
नोट:- पहचान क्रिया के साथ था, थी, या था, ए थे, ई थी, चुका था, आ था।
जैसे
  •  कुसुम घर गयी थी।
  • आर्यन ने गाना गाया था।
  • भूपेंद्र सिरोही गया था।

अपूर्व भूतकाल (Incomplete past) :- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय में कार्य निरंतर होने का बोध हो, उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।
नोट पहचान :- रहा था, रही थी, रहे थे।
जैसे
  • आर्यन गाना गा रहा था।
  • मंजू सो रही थी।
  • लड़के खेल रहे थे।

संदिग्ध भूतकाल ( Doubtful past) :- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय में किसी कार्य के होने में संदेह हो उसे, संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।
पहचान :- होगा, होंगी, होंगे
  • आर्यन गाना गा रहा होगा
  • नेहा गई होगी।
  • अर्चना ने बात की होगी।

हेतुहेतुमद् भूतकाल (Conditional past) :- क्रिया के जिस रुप से बीते हुए समय में होने वाली किरिया का होना किसी अन्य क्रिया पर निर्भर हो उसे हेतुहेतुमद भूत काल कहते हैं।
पहचान:- ता, ती, ते
जैसे
  • यदि तुम पढ़ते तों पास हो जाते।
  • युद्ध होता तो गोलियां चलती है।
  • यदि वर्षा होती तो खेती नहीं सूखती।

वर्तमान काल (Present Tense)

क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में कार्य के करने या होने का बोध हो उसे, वर्तमान काल कहते हैं 
जैसे
  • पूजा पूजा करती है।
  • सचिन विराट के साथ क्रिकेट खेल रहा है।

वर्तमान काल के प्रकार 

वर्तमान काल के पांच भेद हैं।

  1. सामान्य वर्तमान
  2. अपूर्व वर्तमान
  3. संदिग्ध वर्तमान
  4. संभाव्य वर्तमान
  5. आज्ञार्थ वर्तमान
सामान्य वर्तमान

क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में किसी कार्य के सामान्य रूप से होने का बोध हो उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं।
पहचान:- ता है, थी है, ते हैं, ता हूं
जैसे
  • अंकित पुस्तक पढ़ता है।
  • गरिमा गाना गाती है।

अपूर्व वर्तमान क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में किसी कार्य के निरंतर होने का बोध हो उसे, पूर्ण वर्तमान काल कहते हैं 
पहचान :- रहा है, रही है, रहे हैं, रहा हूं
जैसे
  • सरोज गीत गा रही है।
  • मोर छत पर नाच रहा है। 
  • तमन्ना सो रही है। 

संदिग्ध वर्तमान क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में किसी कार्य के होने में संडे का बोध हो उसे, संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं 
पहचान :- ता होगा,  ती होगी, ते होंगे, रहा होगा, रही होगी, रहें होंगे
जैसे 
  • अभय खेत में काम करता होगा।
  • यह फिल्म देख रहे‌। 
  • होंगे श्याम पत्थर लिखता। 
संभाव्य वर्तमान काल :- क्रिया के जिस रूप से वर्तमान समय में कार्य पूरा होने की संभावना हो उसे, संभाव्य वर्तमान काल कहते हैं।
पहचान :- ता हो,  ती हो, या हो, ई हो
जैसे
  • कोई हमारी बात नहीं सुनता हो। 
  • शायद पिताजी आए हो। 
  • शायद रमेश आया हूं। 

आज्ञार्थ वर्तमान काल :- क्रिया के जिस रुप से वर्तमान समय में कार्य करने की आज्ञा का बोध हो उसे, आज्ञार्थ वर्तमान काल कहते हैं।
पहचान :- वर्तमान समय में आज्ञा होना
जैसे
  • आप भी पढ़िए। 
  • अंकित तू जा।
  • प्रदीप, पानी लेकर आओ।

भविष्यत् काल

क्रिया के जिस रुप से आने वाले समय में कार्य के करने या होने का बोध हो उसे, भविष्य काल कहते हैं।
जैसे
  • वह घर जाएगा।
  • अब वह क्या करे।

भविष्य काल के प्रकार 

भविष्य काल तीन प्रकार के होते हैं

  1.  सामान्य भविष्यत् काल
  2. संभाव्य भविष्यत् काल
  3. आज्ञार्थ भविष्यत् काल

सामान्य भविष्यत् काल :- क्रिया के जिस रुप से आने वाले समय में किसी कार्य के सामान्य रूप से होने का बोध हो उसे, सामान्य भविष्य काल कहते हैं।
पहचान :- एगा, एगी, ऐगे, ऊंगा
जैसे
  • लीला नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेंगी
  • मौनू विद्यालय जायेगा।

संभाव्य भविष्यत् काल :- क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में किसी कार्य के होने की संभावना अथवा संदेह हो उसे, संभाव्य भविष्य काल कहते हैं।
पहचान :- ए, ऐं, उं, ओ
जैसे
  • कदाचित् आज भूपेंद्र आए।
  • वे शायद जयपुर आज आए।

आज्ञार्थ भविष्यत् काल :
- क्रिया के जिस रुप से आने वाले समय में कार्य पूरा करने की आज्ञा का बोध हो उसे, आज्ञार्थ तक भविष्य काल कहते हैं।
पहचान :- इएगा
जैसे
  • आप वहां अवश्य जाइएगा।
  • आप हमारे घर पधारिएगा।

Post a Comment

0 Comments