Karta Karak in Sanskrit : कर्त्ता कारक प्रथमा विभक्ति - ने

Karta Karak in Sanskrit : कर्त्ता कारक (प्रथमा विभक्ति - ने) । संस्कृत व्याकरण

 कर्त्ता कारक (प्रथमा विभक्ति) क्रिया को सम्पन्न करने वाला कर्त्ता कहा जाता है। अर्थात् किसी काम (क्रिया) को करने वाले को कर्ता कहते हैं कर्त्ता का हिन्दी चिह्न ने है। कर्त्ता स्वतंत्र होता है। कर्ता कारक में प्रथमा विभक्ति होती है।

कर्त्ता कारक के नियम

किसी शब्द का अर्थ बताने के लिए, लिंग का बोध कराने के लिए, परिमाण (वजन नाप) में, वचन (संख्या) बताने के लिए और संबोधन में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है।

  • प्रातिपादिक अर्थ में : केवल अर्थ बताने के लिए संज्ञा शब्दों में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है 

जैसे 

शुक = तोता अश्व: = घोड़ा 

मयूर = मोर

जन: = आदमी

बालक: = लड़का

  • लिगंमात्र में : पुल्लिंग, स्त्रीलिंग एवं नपुंसकलिंग प्रकट करने के लिए प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है

जैसे – तट:, तटी, तटम्

  • वचन में : एकवचन द्विवचन और बहुवचन को प्रकट करने के लिए प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाता है

जैसे – एक, द्वौ, बहव:

  • परिणाम में : परिणाम के लिए प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

जैसे – द्रोणी, ब्रीहि:

  • सम्बोधन में : सम्बोधन कारक मे प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाता है

जैसे – हे राम! , हे कृष्ण!

  • कर्तृवाच्य में :  कर्तृवाच्य वाक्य बनाते समय कर्त्ता में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग करते हैं।

जैसे – राम: गृहं गच्छति।

  • कर्मवाच्य में : कर्मवाच्य वाक्य बनाते समय कर्म में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

जैसे : रामेण पाठ: पठ्यते।

  • अव्यय में : अव्ययों के साथ केवल नाम के कथन में प्रथमा विभक्ति होती है।

जैसे – गांधी, बापू, इति प्रसिद्ध अस्ति { गांधी बापू (इस नाम से) प्रसिद्ध है}

इति’ शब्द के योग में प्रथमा विभक्ति होती है।

प्रथमा विभक्ति संस्कृत उदाहरण

  1. सुरेश प्रेमपात्र नहीं है। ( सुरेश: प्रेमपात्र नास्ति)
  2. अजमेर एक तीर्थ स्थल है। ( अजमेर एक तीर्थ स्थानं अस्ति।)
  3. राजेश नामक एक साहसी पुरुष था। ( राजेश: नामक: साहसी पुरुषों आसीत्)
  4. राम ने पत्थर लिखा। ( राम: पत्रं अलिखत्।)
  5. मैं तुम अथवा राहुल गया। ( अहं त्वं मोहन: वा आगच्छत्।)

विशेष तथ्य नियम

यदि दो या दो से अधिक कर्ता अथवा या, वा से जुड़े हो तो क्रिया अंतिम कर्ता के पुरुष और वचन के अनुसार प्रयुक्त होती है

यदि दो या दो से अधिक कर्ता च के द्वारा जुड़े रहते हैं तो क्रिया का वचन कर्ता के अनुसार होता है।

यह भी पढ़ें :  हिन्दी कर्त्ता कारक

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