देव ( देवता) शब्द रूप | dev Shabd Roop - Shirswastudy

संस्कृत में देव शब्द रूप 

शब्द रूप का तात्पर्य संज्ञा एवं सर्वनाम शब्दों के रूपों से हैं। शब्द रूप लिंग तथा वचन अन्तिम स्वर व्यंजन के अनुसार शब्दों के रूप चलते हैं। देेव (देवता)  शब्द रूप अकारान्त जिन शब्दों के अन्त में – अकारांत (अ) ध्वनि सुनाई देती है वे शब्द अकारान्त शब्द होते हैं। इसी प्रकार बालक,राम,वृक्ष भक्त, ईश्वर,लोक, दिवस, सूर्य, शिष्य,सुर, असुर,मानव, शुद्ध, क्षत्रिय, ब्राह्मण,गज अश्व आदि 

देेव (देवता) शब्द रूप अकारान्त

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा देव: देवौ देवा:
द्वितीया देवम् देवौ देवान्
तृतीया देवेन देवाभ्याम् देवै:
चतुर्थी देवाय देवाभ्याम् देवेभ्यः
पंचमी देवात् देवाभ्याम् देवेभ्य:
षष्ठी देवस्य देवयो: देवानाम्
सप्तमी देवे देवयो: देवेषु
सम्बोधन हे देव! हे देवौ! हे देवा:!

ज्ञातव्य - इसी प्रकार 
सूर्य, खग, पर्वत आदि के रूप राम विभक्ति की तरह चलेंगे।
Dev ke roop


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